रायपुरः Arvind Kejriwal Chhattisgarh tour अक्सर ये कहा जाता है कि राज्य में चुनावी मैदान में केवल दो दलीय चुनौती रही है.. लेकिन ये भी सच है कि यहां बसपा, गोंगपा औक जेसीसीजे जैसे दलों ने वक्त-वक्त पर दांव आजमाए हैं। अब इस बार 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी को टक्कर देने की मंशा के साथ आम आदमी पार्टी भी चुनावी शंखनाद करने जा रही है। आप 5 मार्च को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ रायपुर में कार्यकर्ता सम्मेलन कर हुंकार भरेगी.. वो क्या कहते हैं, क्या नतीजा रहता है ये भविष्य बताएगा लेकिन उनकी हुंकार में राज्य में पक्ष-विपक्ष दोनों के लिए वार और सवाल होंगे ये तय है।
Arvind Kejriwal Chhattisgarh tour दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर होती रही है लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी भी जोर आजमाइश के लिए चुनावी मैदान में ताल ठोक रही है । दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान 5 मार्च को रायपुर से चुनावी शंखनाद करेंगे । छत्तीसगढ़ में केजरीवाल की पार्टी की एंट्री से किसका खेल बिगड़ेगा, ये तो तय नहीं लेकिन एक-दूसरे पर निशाना साधने वाली कांग्रेस और बीजेपी एक सुर में AAP पर निशाना साध रही है। कांग्रेस का मानना है कि केजरीवाल का दांव यहां नहीं चलेगा।
इधर, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर का कहना है कि केजरीवाल के दौरे से BJP को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। पार्टी के दिग्गज पूछ रहे हैं कि भला केजरीवाल यहां आकर क्या कर लेंगे? खैर, पक्ष-विपक्ष की राय से इतर, फैक्ट ये है कि पिछले चुनाव 2018 में AAP ने राज्य में 90 में से 85 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए और सभी की जमानत जब्त हो गई थी। पार्टी का वोट शेयर भी महज 0.87 फीसदी रहा। ये भी सच है कि पार्टी को यहां कांग्रेस-बीजेपी के बागियों से ज्यादा उम्मीदें है। पर क्या झाड़ू का जादू चलाने के लिए इतना काफी होगा? दिल्ली, पंजाब के बाद MP छत्तीसगढ़ में आप अपनी मौजूदगी से दो-दलीय चुनौती को कोई नया चैलेंज दे पाएगी, ये बड़ा सवाल है?