Politics in CG IAS-IPS Transfer
रायपुर : Politics in CG IAS-IPS Transfer : 15 साल सत्ता में रही बीजेपी की वापसी 5 साल बाद हुई है और साय सरकार जनता से किए वादों को पूरा करने में जुटी हुई है। मगर जो अफसर इन वादों को पूरा करने औऱ योजनाओं को अमलीजामा पहनाते हैं उन्हीं पर इस समय सियासत हो रही है। सियासत IAS और IPS अफसर के तबादलों पर हो रही। आज का विषय प्रदेश की हर आम जनता यानी आपसे सीधा जुड़ा हुआ।
Politics in CG IAS-IPS Transfer : जिन ब्यूरोक्रेट्स पर केंद्र और राज्य की हर योजनाओं का क्रियान्वनय से लेकर अमलीजामा पहनाने का जिम्मा होता है और साथ ही योजनाओं का लाभ हम और आप तक पहुंचाने में अहम योगदान होता है। उन्ही ब्यूरोंक्रेट्स को लेकर प्रदेश में सियासी महाभारत एक बार फिर शुरू हो गई है। 5 साल सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस सरकार पर दबादलों और प्रशासनिक फेरबदल का सबसे ज्यादा आरोप लगते रहे। उस कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने वर्तमान बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
अब आरोप लगे हैं तो पलटवार आना जाहिर था और इन आरोपों पर तीखा प्रहार किया है। बीजेपी सरकार के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने उन्होने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा जिन लोगों ने हर पोस्ट पर प्राइस टैग लगाया। जिन पार्टी ने ट्रांसफर उद्योग चलाया। उन्हें इस विषय पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।
Politics in CG IAS-IPS Transfer : ये आरोप ये बयानबाजी..ये सियासत कोई नई बात नहीं। राजनीति में देखा गया है कि जब-जब नई सरकारें आई या सत्ता परिवर्तन हुआ है। तब-तब प्रशासनिक फेरबदल देखने को मिलता है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि कांग्रेस द्वारा लगाए गए, अधिकारियों में भय का मौहाल, अधिकारियों को संघ का कार्यालय आना और प्रशासन में सरकार का डर ये ऐसे आरोप हैं जिनको लेकर आज ही नहीं आने वाले दिनों में भी सियासी घमासान मचने के आसार हैं।