रायपुर। Are officers working under pressure? प्रदेश के सभी तहसीलदार लामबंद होकर आंदोलन की राह पकड़ चुके हैं और भाजपा इस मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ कर रही है। सवाल है कि क्यों नाराज हैं प्रदेश के तहसीलदार ? क्या दबाव में काम कर रहे हैं अधिकारी और भाजपा के आरोपों का क्या जवाब देगी कांग्रेस ?
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Are officers working under pressure? बलौदाबाजार में अवैध रेत खनन के खिलाफ तहसीलदार नीलमणि दुबे ने एक्शन लिया तो कसडोल से विधायक और संसदीय सचिव शकुंतला साहू ने तहसील ऑफिस में जमकर धौंस दिखाई। इसके कुछ ही घंटे बाद तहसीलदार का ट्रांसफर भी हो गया। इस घटना से नाराज प्रदेशभर में तहसीलदार लामबंद हो गए हैं और 19 अप्रैल से आंदोलन की चेतावनी दी है।
अवैध खनन पर पहले से हमलावर बीजेपी को इस घटना ने बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा दे दिया है और अब बीजेपी नेता अवैध खनन के लिए कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। हंगामे के बाद कसडोल विधायक शकुंतला साहू ने चुप्पी साध ली है। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विभागीय जांच की बात कही है।
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खनन माफिया से अधिकारियों और सफेदपोशों के गठजोड़ के आरोप तो पहले भी लगते रहे हैं। लेकिन यहां मामला थोड़ा अलग है। कार्रवाई के बाद प्रशंसा और पुरस्कार के बजाए ट्रांसफर हो जाए तो नाराजगी लाजमी है। बहरहाल, क्या वाकई रेत माफिया को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है और अधिकारी पॉलिटिक्ल प्रेशर में काम कर रहे हैं?