रायपुर: Announcement of relief. सत्ता पक्ष हो या विपक्ष उसका जनता से जुड़े रहना और जनता के मुद्दे उठाना बेहद जरूरी है, खासकर तब जब चुनावी तैयारी में जुटना हो। हालांकि अभी छत्तीसगढ़ में चुनाव में दो साल का वक्त है लेकिन कांग्रेस और बीजेपी दोनों हर स्तर पर एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देने का कोई मौका छोड़ना नहीं चाहते। प्रदेश में सत्तासीन कांग्रेस ने पेट्रोल की कीमत 5 रुपए कम करने पर केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है तो, बीजेपी प्रदेश सरकार पर पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने का दबाव बना रही है। इसके अलावा धान के नए समर्थन मूल्य पर भी दोनों दल आमने-सामने हैं। बहरहाल धान का दाम बढ़ने से किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी, तो वही पेट्रोल-डीजल के दाम घटने से महंगाई कम होगी, इससे जनता को ही राहत मिलेगी। लेकिन बड़ा सवाल है कि जनता आगामी चुनावों में किस पार्टी को राहत देगी?
Announcement of relief. केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की भूपेश सरकार ने दीवाली के मौके पर जनता को बड़ी सौगात दी है। दीवाली से ठीक एक दिन पहले केंद्र ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम लिया, तो दीवाली के अगले दिन सीएम भूपेश बघेल ने किसानों से कहा कि चुनाव आते-आते धान का दाम 2800 रुपए तक होगा। जाहिर है दोनों मुद्दे सीधे-सीधे जनता से जुड़े हैं। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों एक दूसरे के ऐलान पर सवाल उठाने में जुट गई।
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केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने के बाद बीजेपी ने राज्य सरकार से वैट कम करने का दबाव बना रही है। इस कड़ी में BJYM के कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल पंपों के सामने विरोध प्रदर्शन किया और राज्य सरकार को चेतावनी दी कि राज्य सरकार जल्द VAT कम करे नहीं तो बीजेपी फिर सड़कों पर उतरेगी। हालांकि इस बीच जीएसटी मंत्री टीएस सिंहदेव ने संकेत दिया कि राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल में लगने वाले वैट टैक्स में कमी कर सकती है। इसके लिए विभाग प्रस्ताव बना रहा है।
इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे लॉलीपॉप बताते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। सीएम ने कहा कि केन्द्र सरकार 25-30 रुपए बढ़ाकर 5-10 रुपए कम कर रही है, जिसपर बीजेपी ने सरकार पर अपनी जवाबदारी से भागने का आरोप लगाया। एक ओर पेट्रोल-डीजल की कीमत पर प्रदेश का पारा गरम है, तो दूसरी ओर धान खरीदी से पहले ही प्रदेश में धान के सर्मथन मूल्य पर घमासान मचा है। दरअसल गोवर्धन पूजा के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि चुनाव आते आते समर्थन मूल्य 28 सौ रुपए तक हो जाएगा। इस घोषणा के बाद BJP ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। विपक्ष के मुताबिक केंद्र सरकार के समर्थन मूल्य बढ़ाने के बाद किसानों को इस साल से ही 2800 रुपए मिलना चाहिए।
कुल मिलाकर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर धान पर घमासान मचा है, तो सस्ते पेट्रोल-डीजल पर सियासी दंगल जारी है। जाहिर है दोनों मुद्दे सीधे-सीधे जनता से जुड़े हैं। ऐसे में जब 2023 में विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं। तब बीजेपी और कांग्रेस ऐसे मुद्दों को हवा देने में जुटी है, जो सीधे जनता से जुड़ सके। लिहाजा एक के निशाने पर केंद्र सरकार है तो दूसरे के निशाने पर प्रदेश सरकार। ऐसे में जिसने सही मुद्दों पर दांव खेला, उसकी जीत पक्की।
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