अंबिकापुर : Water crisis in Ambikapur: Banki dam dry for the first time in 50 years सरगुज़ा जिले में जल संकट खड़ा हो गया है। संकट भी ऐसा की जिसने प्रशासन से लेकर शासन तक कि चिंता बढ़ा दी है आलम ये है कि अल्प वर्षा के कारण जहां जिला रेड जोन में आ गया है तो वहीं 50 सालो में पहली बार बांकी डैम में सिर्फ डेड वाटर ही बचा है ऐसे में आशंका है कि यदि जल्द बारिश नहीं होती तो शहर के लोग पेय जल को भी तरस जाएंगे।
शासन यानी उपमुख्यमंत्री और प्रशासन यानि कलेक्टर और उनकी टीम का बांकी डैम का निरीक्षण पर आना रूटीन निरीक्षण नहीं है बल्कि ये भीषण खतरे के पहले की चिंता है जिससे कैसे निपटा जाए इसे लेकर विचार विमर्श शुरू कर दिया गया है। दरअसल पिछले साल सरगुज़ा में कम बारिश होने के कारण बांकी डैम में जल भराव नहीं हो पाया था और इस बार भी बारिश सरगुज़ा से रूठा हुआ चल रहा है यही कारण है कि बांकी डैम 50 सालों में पहली बार सुख गया है, चूंकि अम्बिकापुर शहर की आधी से ज्यादा आबादी को पीने का पानी इसी डैम से मिलता था ऐसे में अब पानी नहीं होने के कारण इसकी आपूर्ति घुनघुट्टा से की जा रही है।
Water crisis in Ambikapur: Banki dam dry for the first time in 50 years आलम ये है कि शहर दो पाली के पानी के बजाए एक पाली में ही पानी पा रहा है। यहीं नहीं कलेक्टर खुद ये मान रहे हैं कि अल्प वर्षा के कारण सरगुज़ा प्रदेश का एक मात्र जिला है जो रेड जोन में है। यही कारण है कि आने वाले कुछ दिनों में बारिश नहीं होने पर यहां स्थिति भयावह हो सकती है जिसके वैकल्पिक व्यवस्था के लिए लोकल बोर से पानी सप्लाई के साथ टैंकरों के जरिये पानी की सप्लाई के विकल्प तलाशे जाने लगे हैं।
बांकी डैम में जल भराव नहीं होने का ये दृश्य पहली बार देखने को मिला है जिससे इस इलाके में रहने वाले लोगों के साथ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी मान रहे हैं। यही कारण है कि अब लोगो को कैसे जल संकट से राहत दिलाई जाए इसके लिए बांकी डैम को पड़ोसी जिले के गागर जलाशय से जोड़ने की तैयारी है जिसके लिए करीब 19 किलोमीटर का नहर बनाना होगा,लेकिन ये विकल्प टाइम टेकिंग है ऐसे में इसे शुरू करने के साथ वर्तमान में उतपन्न हुए भीषण संकट से कैसे निपटा जाए इसे लेकर हर स्तर पर विचार मंथन किया जा रहा है।
Water crisis in Ambikapur: Banki dam dry for the first time in 50 years सावन में एक तरफ कई इलाकों में भीषण बारिश ने कोहराम मचा रखा है तो दूसरी तरफ सरगुज़ा से इंद्रदेव रूठे हुए है। यही कारण है कि यहां औसतन बारिश से 45 फीसदी बारिश ही हुई है। डैम को भर पाना इंसानी पहुंच से बाहर है यही कारण है कि अब उम्मीद भगवान पर ही है कि वो प्रसन्न हो और बारिश कर सरगुज़ा को इस भीषण संकट से उभारे वरना वो दिन दूर नहीं जब अम्बिकापुर में बूंद बूंद का संकट खड़ा हो जाएगा और त्राहि त्राहि मच जाएगी।