Mahamaya mountain Ambikapur: अतिक्रमणकारियों ने छत्तीसगढ़ के इस पहाड़ पर किया कब्जा, अब कार्रवाई के मूड में वन विभाग, 182 लोगों को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

  •  
  • Publish Date - January 19, 2025 / 11:16 AM IST,
    Updated On - January 19, 2025 / 11:40 AM IST

अंबिकापुर: Mahamaya mountain Ambikapur शहर के महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। वन विभाग ने 182 लोगों को नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने कहा है। विभाग ने इसके लिए 24 घंटे का समय दिया है। नोटिस मिलने के बाद अतिक्रमणकारियों में हडक़ंप है। महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण का मुद्दा पिछले कई वर्षों से चला आ रहा है। वर्ष 2022 में भाजपा नेता आलोक दुबे ने महामाया पहाड़ पर अवैध अतिक्रमण किए जाने का मुद्दा उठाया था। मामले की जांच में 468 लोगों द्वारा अतिक्रमण किए जाने की पुष्टि हुई थी। वहीं 60 अतिक्रमणकारियों को बेदखली की नोटिस भी जारी किया गया था लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया गया था।

Read More: Raman Singh met PM Modi: पीएम मोदी से मिले डॉ रमन सिंह, छत्तीसगढ़ आने का दिया न्योता, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

क्या है पूरा मामला

Mahamaya mountain Ambikapur मां महामाया मंदिर के ऊपर महामाया पहाड़ है। यहां स्थानीय व बाहरी लोगों द्वारा पिछले कुछ सालों से अतिक्रमण किया गया है। खैरबार, बधियाचुआं और नवागढ़ इलाके से लगे इस वन क्षेत्र में वर्षों से अवैध कब्जे की शिकायत पर वर्ष 2017 में जांच के बाद 60 कब्जाधारियों को बेदखली का नोटिस जारी किया था। वर्ष 2022 में भाजपा नेता आलोक दुबे ने एक बार फिर अतिक्रमण (Encroachment) का मामला उठाया था। शिकायत पर जिला प्रशासन ने मामले की जांच कराई थी। जांच में 468 लोगों द्वारा अतिक्रमण किए जाने की बात सामने आई थी। वहीं विभाग ने 60 लोगों को बेदखली की नोटिस भी जारी किया था। इनका अतिक्रमण हटाने वन विभाग द्वारा फोर्स की मांग की गई थी, लेकिन राजनीतिक दबाव भारी पड़ा था। इसके बाद वर्ष 2023 में प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद भी आलोक दुबे ने मां महामया पहाड़ पर अतिक्रमण की शिकात मुख्यमंत्री के समक्ष की थी।

Read More: CG Panchayat Chunav Kab Hoga 2025: राजनांदगांव जिले में कब होगा नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव? निर्वाचन आयोग ने किया मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन

नोटिस से अतिक्रमणकारियों में हडक़ंप

Mahamaya mountain Ambikapur 15 जनवरी को प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप सरगुजा प्रवास पर थे। वन मंत्री ने वन विभाग के संभागीय बैठक ली थी। बैठक में डीएफओ से महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण खाली नहीं कराए जाने की बात पूछी। इस पर मंत्री ने डीएफोओ को कड़ी फटकार भी लगाई थी। मंत्री ने हर हाल में 60 घरों को तोडऩे के निर्देश डीएफओ को दिए थे। उन्होंने इसके लिए डीएफओ को अप्रेल तक का समय दिया है। वन मंत्री के कड़ी फटकार व अल्टीमेटम के बाद वन विभाग हरकत में आया। निर्देश के दूसरे दिन ही वनमंडलाधिकारी ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस थमाते हुए खाली करने के निर्देश दिए हैं। वनमंडलाधिकारी ने 182 लोगों को नोटिस दिया है। इसके लिए विभाग ने 24 घंटे का समय दिया है। वहीं नोटिस मिलने के बाद अतिक्रमणकारियों में हडक़ंप है।

महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण का मामला क्यों गरमाया है?

महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण का मामला लंबे समय से चल रहा है। हाल ही में वन विभाग ने 182 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर 24 घंटे में अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं, जिससे अतिक्रमणकारियों में हड़कमप मच गया है।

महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण के बारे में क्या जांच हुई थी?

वर्ष 2022 में भाजपा नेता आलोक दुबे ने इस मुद्दे को उठाया था। जांच में 468 लोगों द्वारा अतिक्रमण की पुष्टि हुई थी और 60 अतिक्रमणकारियों को बेदखली का नोटिस जारी किया गया था, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया गया।

वन विभाग ने अतिक्रमणकारियों को कितने समय में अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया है?

वन विभाग ने अतिक्रमणकारियों को 24 घंटे का समय दिया है, जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी।

वन मंत्री केदार कश्यप ने इस मुद्दे पर क्या कदम उठाए?

वन मंत्री केदार कश्यप ने अतिक्रमण को लेकर वन विभाग को कड़ी फटकार लगाई और डीएफओ को अप्रैल तक 60 घरों को तोड़ने के निर्देश दिए।

महामाया पहाड़ पर अतिक्रमण के कारण क्या समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं?

अतिक्रमण के कारण इस क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का नुकसान हो रहा है और वन क्षेत्र की स्थिति पर भी प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा, स्थानीय और बाहरी अतिक्रमणकारियों की बढ़ती संख्या से प्रशासन के लिए इसे नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो गया है।