अंबिकापुर। आमतौर पर ग्रामीण इलाकों में हर कोई इंसान अच्छी आमदनी के लिए बकरा-बकरी पालता है और उसे तैयार कर उसकी बिक्री कर देता है, लेकिन आज हम आपको सरगुजा के लुण्ड्रा जनपद के रघुनाथपुर के एक ऐसे लोकल प्रजाति के 113 किलो वजन वाले बकरे की कहानी बताने जा रहें है जो एक परिवार के सदस्य की तरह बीते 5 सालों से एक गुप्ता परिवार के साथ रह रहा है।
यह बकरा जानवरों की तरह घास-फूस कम बल्कि परिवार के साथ घर में बना खाना ज्यादा खाता और घाट पर सोता है। इसे खरीदने के लिए कई ग्राहक भी आए और लाखों रूपये देने की बात भी की, लेकिन रघुनाथपुर निवासी बकरे के मालिक सुरेश गुप्ता ने इसे अपने परिवार का सदस्य बताकर बेचने से मना कर दिया और वो इस बकरे की परवरिश आखरी दम तक करना चाहते हैं। तस्वीर में बुलंद दिख रहा ये बकरा लोकल प्रजाति का 113 किलो वजन का है, जिसे अपने परिवार के एक सदस्य की तरह पालकर उसकी सेवा कर रहे हैं।
सरगुजा के लुण्ड्रा ब्लॉक के रघुनाथपुर निवासी सुरेश गुप्ता जिसे वे आखरी दम तक पालकर इसकी सेवा करना चाहते है क्योंकि यह बकरा बीते 5 सालों से उनके साथ है और वो इसे किसी को बेचना नहीं चाहते हैं। इस बकरे के लिए कई ग्राहक भी आते हैं और लाखों रूपये का ऑफर देते हैं, लेकिन जब इसे खरीदने ग्राहक आते है तो सुरेश गुप्ता इसे परिवार का सदस्य बताकर इसे बेचने से मना कर देते हैं।
IBC24 से खास बातचीत में लुण्ड्रा ब्लॉक के रघुनाथपुर निवासी सुरेश गुप्ता ने बताया कि 5 साल पहले उन्होंने अपने घर में एक बकरी पाल रखा था, जो एक बकरे के बच्चे को जन्म देने के बाद तुरंत खत्म हो गई और तब से उन्होंने इस बकरे को चोटे बच्चे के समय से गाय का दूध पिलाकर बड़ा किया और अब बीते 5 सालों से ये उनके साथ है। वो इस बकरे की खूब सेवा अपने बच्चे की तरह करते हैं।
बकरे के मालिक ने यह भी बताया कि जब भी वे घर में खाना खाते है तो खाना का एक हिस्सा उनके इस बकरे के लिए निकलता है। वो इस बकरे को लकड़ी के घाट पर सुलाते है और इसे अपना बच्चा मानकर इसकी सेवा करते है। बकरे के मालिक सुरेश गुप्ता ने यह भी बताया कि जब उन्होंने अपनी बेटी की शादी की तो उनका घर सुना हो गया और इस बकरे ने उनके बच्चे की तरह उनका मन बहलाते हुए परिवार के सदस्य की कमी को पूरा किया है। बकरा मालिक सुरेश बताते हैं कि यह बकरा उनकी हर एक बात मानता है और उसे कोई भी समस्या होती है तो वे तुरंत इसका ईलाज डॉक्टर से करवाते हैं।
इस बकरे की खास बात तो यह है कि ये बहुत ज्यादा समझदार है और इसे जब टॉयलेट~पेशाब जाना होता है तो ये अपने से बाहर जाता है और अंदर आता है। वे बकरे को कभी बांधकर नहीं रखते है क्योंकि यह उनके घर में उनके और उनके परिवार की निगरानी करता है। इस रिपोर्ट में आपने देखा कि अगर कोई जीव किसी मालिक को भा जाएं तो वह उसे आखरी दम तक छोड़ना नहीं चाहता ऐसा ही हुआ है सरगुजा के लुण्ड्रा निवासी सुरेश गुप्ता के साथ जो अपने बकरे और उनका बकरा उनको कभी छोड़ना नहीं चाहता क्योंकि दोनों का प्यार एक~दूसरे के लिए अपार है जिसकी कोई सीमा नहीं है। IBC24 रोशन से सोनी की रिपोर्ट