रायपुर/बीजापुर: Mukesh Chandrakar murder, मुकेश चंद्राकर हत्याकांड मामले में रायपुर के पत्रकार आज राज भवन पैदल पहुंचे। राज्यपाल से मुलाकात की मांग की। सैकड़ों की संख्या में राजभवन गेट के सामने धरने पर बैठ गए। बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के विरोध मे आज बीजापुर जिले के तमाम व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। आक्रोशित पत्रकारों ने बीजापुर के मुख्य मार्ग के अस्पताल चौक में सड़क पर बैठ कर चक्का जाम किया।
रायपुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर को न्याय देने और दोषियों को फांसी देने की मांग की। कुछ देर बार बिना ज्ञापन दिए वापस पत्रकार लौट आए। पत्रकार राजभवन जाकर अधिकारी को ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने अनुमति नहीं दी। जिसके बाद नाराज पत्रकार गेट पर धरने पर बैठे, राजभवन अधिकारी को बुलाने की मांग करते रहे। जब कोई नहीं आया तो बिना ज्ञापन दिए वापस लौट गए। और अंबेडकर मूर्ति के नीचे पत्रकार जमा हुए। फिलहाल मूर्ति के सामने बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के विरोध मे आज बीजापुर जिले के तमाम व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। वहीं व्यापारी संघ के अध्यक्ष ने दोषियों पर कार्यवाही करने की मांग की है। जिले में मेडिकल छोड़ कर अन्य सभी दुकाने बंद रही, जिले मे मातम छाया हुआ है।
इसके साथ ही पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड से आक्रोशित पत्रकारों ने बीजापुर के मुख्य मार्ग के अस्पताल चौक में सड़क पर बैठ कर चक्का जाम किया। समाचार लिखे जाने तक शासन प्रशासन के अधिकारी पत्रकारों से मिलने या इस संबंध में बात करने नहीं पहुंचे। नामी ठेकेदार की सम्पत्ति कुर्की करने और कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की मांग की गई है।
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Mukesh Chandrakar murder, बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से पूरे पत्रकार जगत में आक्रोश का माहौल है। आज बलरामपुर जिले में भी पत्रकार कल्याण संघ के पदाधिकारियों ने इस पर अपना विरोध दर्ज कराया है। पत्रकार कल्याण संघ के पदाधिकारी ने आज राजपुर में सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक के नाम पर थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा है।
पत्रकारों ने पुलिस महानिरीक्षक को लिखे आवेदन में मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही उन्होंने बलरामपुर जिले के पत्रकारों की भी सुरक्षा की मांग की है। पत्रकारों ने कहा कि जिले में पत्रकार अब खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। कभी भी खबर बनाने के दौरान विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में पुलिस की तरफ से पत्रकारों ने सहयोग की मांग की है। पत्रकारों ने कहा कि आए दिन कोई भी किसी भी पत्रकार धमकी चमकी देने लगता है, जिससे एक भय का माहौल निर्मित हो जाता है। इन पर कार्रवाई बेहद जरूरी है और पुलिस की तरफ से तत्काल कार्रवाई की अपेक्षा पत्रकार कल्याण संघ ने की है।
इधर पेंड्रा में माधव राव सप्रे प्रेस क्लब में पत्रकारों ने बस्तर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि दी। प्रेस क्लब परिसर में पंडित माधव राव सप्रे की प्रतिमा के समक्ष हत्या के आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग जिले के पत्रकारों ने किया है। जिले के पत्रकारों ने 2 मिनट का मौन रखकर स्वर्गीय पत्रकार मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
bijapur Mukesh Chandrakar murder, वही पेंड्रा पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने भी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की निंदा की और शोक प्रकट करते हुए श्रद्धांजलि दी। साथ ही कहा कि पत्रकार हमारे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं, और हमारी कमियों को बताने का काम करते हैं। 2026 तक हमारा प्रदेश नक्सल मुक्त होगा, इस प्रकार की घटनाएं हमारे मन में तकलीफ देती हैं और मैं इस घटना के प्रति गहरा शोक प्रकट करता हूं।
मुकेश चंद्राकर बीजापुर के एक पत्रकार थे, जिनकी निर्मम हत्या ने पूरे राज्य में आक्रोश फैला दिया। उनकी हत्या के पीछे के कारणों की जांच चल रही है, और पत्रकारों ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।
रायपुर, बीजापुर, बलरामपुर और पेंड्रा जैसे कई स्थानों पर पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया। बीजापुर में बाजार बंद और चक्का जाम हुआ, जबकि रायपुर में पत्रकार राजभवन के सामने धरने पर बैठे। बलरामपुर और पेंड्रा में भी पत्रकारों ने ज्ञापन सौंपा और श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किए।
अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई की सूचना नहीं है। विरोध कर रहे पत्रकारों का कहना है कि अधिकारी उनसे मिलने तक नहीं पहुंचे, जिससे उनकी नाराज़गी और बढ़ गई है।
हत्याकांड में शामिल दोषियों को कड़ी सजा, जैसे फांसी देना।
पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
दोषी ठेकेदार की संपत्ति कुर्क करना।
पुलिस और प्रशासन से समय पर सहयोग की गारंटी।
व्यापारी संघों और पत्रकार संगठनों ने इस घटना की निंदा की है और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने भी घटना पर शोक प्रकट किया और इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।