रायपुर: B.Ed Assistant Teachers Protest Update प्रदेश में बीएड धारी सहायक शिक्षकों के प्रदर्शन को लेकर बवाल मचा हुआ है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश के बाद डीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति के साथ राज्य सरकार द्वारा बीएड धारी सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है। जिसके बाद सहायक शिक्षकों का गुस्सा फूट गया। आज बड़ी संख्या में बीएड के सहायक शिक्षक कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे हैं और प्रदेश सरकार से आदेश रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
B.Ed Assistant Teachers Protest Update प्रदर्शनकारी अब सड़क पर उतर गए हैं और अभनपुर रोड़ पर चक्का जाम कर दिया है। सड़क पर बैठकर प्रदर्शनकारी लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। जिसकी वजह से सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई है। बीएड धारी सहायक शिक्षकों के प्रदर्शन को देखते हुए बड़ी संख्या में अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात हो गई है और प्रदर्शनकारी सहायक शिक्षकों को कुशाभाऊ ठाकरे परिसर से हटाया जा रहा है। सभी प्रदर्शनकारियों को तूता धरना स्थल ले जाया जा रहा है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने डीईड अभ्यर्थियों की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं। इस आदेश के बाद बीएड अभ्यर्थियों के लिए सहायक शिक्षक की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा था। वहीं 19 दिसंबर से बीएड सहायक शिक्षक नवा रायपुर तूता धरना स्थल पर समायोजन की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए थे। इसके साथ ही 12 दिन बाद भी सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर शिक्षकों ने जल सत्याग्रह शुरू कर दिया था। लेकिन इस संबंध में अब लोक शिक्षण संचालनालय ने सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है।
बता दें कि कई ऐसे बीएड डिग्रीधारी जिनकी नौकरी वर्ग-2 यानी मिडिल स्कूल के शिक्षक के लिए लगी थी, लेकिन इन्होंने वर्ग-3 यानी सहायक शिक्षक का चयन किया। क्योंकि वे घर के पास रहकर नौकरी करना चाहते थे। इसी तरह कुछ युवाओं ने रेलवे व कुछ ने अन्य सरकारी नौकरी भी छोड़ी। अब सहायक शिक्षक की नौकरी जाने का खतरा मंडराने से वे तनाव में है, अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
बीएड धारी सहायक शिक्षक सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों के बाद राज्य सरकार द्वारा उनके नौकरी समाप्ति के आदेश के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वे सरकार से इस आदेश को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी शिक्षक कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंचे, फिर अभनपुर रोड पर चक्का जाम कर दिया। इस कारण सड़कों पर लंबी कतारें लग गईं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया।
यह आदेश सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों के पालन में दिया गया है। लेकिन बीएड धारी शिक्षकों का मानना है कि यह उनके लिए न्यायसंगत नहीं है, क्योंकि वे पहले से अपनी नौकरी में शामिल हो चुके थे।
बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों के लिए नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, सरकार डीईड अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दे रही है, लेकिन बीएड शिक्षकों के लिए समायोजन की संभावना अभी तक स्पष्ट नहीं है।
बीएड सहायक शिक्षक 19 दिसंबर 2024 से नवा रायपुर तूता धरना स्थल पर समायोजन की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। 12 दिनों के बाद उन्होंने जल सत्याग्रह भी शुरू किया था।
अब तक सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी, लेकिन लोक शिक्षण संचालनालय ने बीएड शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया है, जिससे शिक्षक और भी परेशान हो गए हैं।