Radhika Khera Ka Bada Khulasa

Radhika Khera Ka Bada Khulasa : ‘मैं चीखती-चिल्लाती रही’..! इस्तीफे के बाद राधिका खेड़ा ने IBC24 पर किया बड़ा खुलासा, असल में राजीव भवन में हुआ था ऐसा काम

Radhika Khera Ka Bada Khulasa : 'मैं चीखती-चिल्लाती रही'..! इस्तीफे के बाद राधिका खेड़ा ने IBC24 पर किया बड़ा खुलासा, असल में राजीव भवन में हुआ था ऐसा काम

Edited By :   Modified Date:  May 5, 2024 / 06:11 PM IST, Published Date : May 5, 2024/6:07 pm IST

Radhika Khera Ka Bada Khulasa : रायपुर। कांग्रेस की राष्ट्रीय मीडिया कोर्डिनेटर राधिका खेड़ा में आखिकार अब कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस संबंध में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जून खड़गे को पत्र भेज दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे में कांग्रेस नेताओं पर कई आरोप लगाए हैं। इस्तीफे के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर जाने का विरोध इतना होगा मैंने यह कभी नहीं सोचा था। मेरे साथ छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में अभ्रद्रता हुई। इसकी शिकायत मैनें प्रदेश के नेताओं के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर तक के नेताओं से की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इस्तीके के बाद राधिका खेड़ा ने आईबीसी24 पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी।

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इस्तीफे के बाद राधिका खेड़ा ने किया बड़ा खुलासा

Radhika Khera Ka Bada Khulasa : कांग्रेस से अपने इस्तीफे पर कांग्रेस की राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक राधिका खेड़ा का कहना है, ”राम लला की जन्मस्थली श्री अयोध्या धाम हम सभी के लिए बहुत पवित्र स्थान है और मैं खुद को वहां जाने से नहीं रोक सकी। लेकिन मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था।” मेरी जान कि वहां जाने पर मुझे इतना विरोध झेलना पड़ा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मेरे साथ दुर्व्यवहार किया गया, मुझे वहां धकेल दिया गया और कमरे में बंद कर दिया गया, मैं छोटे से लेकर बड़े से बड़े नेतृत्व तक चीखती-चिल्लाती रही , लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला… आज मैंने अपने पार्टी पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि रामलला मुझे न्याय जरूर देंगे…”

इस्तीफे में राधिका ने कही ये बात

Radhika Khera Resigned From Congress राधिका ने अपने इस्तीफे पत्र में लिखा कि आदिकाल से ये स्थापित सत्य है कि धर्म का साथ देने वालों का विरोध होता रहा है। हिरण्यकशिपु से लेकर रावण और कंस तक इसका उदाहरण हैं। वर्तमान में प्रभु श्री राम का नाम लेने वालों का कुछ लोग इसी तरह विरोध कर रहे हैं। हर हिंदू के लिए प्रभु श्री राम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है और राम लला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

 

मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज़्यादा दिए, जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया, आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है क्योंकि मैं अयोध्या में राम लल्ला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई। मेरे इस पुनीत कार्य का विरोध इस स्तर तक पहुंच गया कि मेरे साथ छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए घटनाक्रम में मुझे न्याय देने से इंकार कर दिया गया।

 

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