रायपुर: Khairagarh Chunav Hindi खैरागढ़ उपुचनाव में वोटिंग के लिए अब कुछ घंटे ही बाकी है। चुनाव प्रचार थमने के बाद प्रत्याशी और नेता जहां डोर टू डोर जनसंपर्क में जुटे हैं। एक दूसरे को वॉक ओवर दिए बिना आखिरी वक्त तक दोनों दल बूथ मैनेजमेंट के लिए खास प्लान बनाकर काम कर रहे हैं। दूसरी ओर जनता फिलहाल मौन है। उसके मन में क्या चल रहा है? इसका खुलासा 16 अप्रैल को ही होगा।
mind of people of Khairagarh खैरागढ़ उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार थम चुका है, मतदान में कुछ घंटे ही बाकी है। लेकिन वोटर्स को अपने पाले में लाने के लिए बीजेपी-कांग्रेस हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। खैरागढ़ में हार-जीत न तो कांग्रेस सरकार की सेहत पर कोई फर्क पड़ेगा न ही विधानसभा के भीतर। बावजूद इसके सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी साख से जोड़ लिया है। यही वजह है कि आखिरी वक्त तक खैरागढ़ का रण जीतने दोनों दलों के दिग्गजों ने पूरी ताकत झोंक दी है। मतदान के एक दिन पहले भी बीजेपी-कांग्रेस के अपने-अपने दावे हैं। कांग्रेस का दावा है कि जनता भूपेश सरकार के कामकाज से खुश है। निकाय चुनाव के नतीजे सबके सामने हैं। उपचुनाव में भी कांग्रेस ही जीतेगी। दूसरी तरफ बीजेपी भी वॉक ओवर देने के मूड में नहीं है।
भले खैरागढ़ के नतीजों से सरकार की सेहत पर जरा भी फर्क नहीं पड़ने वाला, लेकिन इसके नतीजे 2023 का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है। जीत किसकी होगी ये तो 16 अप्रैल को पता चलेगा। फिलहाल चुनाव प्रचार थमने प्रत्याशी डोर-टू-डोर कैंपेन कर अपनी जीत की फिल्डिंग सजाने रणनीति बना रहे हैं। कुल मिलाकर अब गेंद जनता के पाले में है। उम्मीदवारों के साथ-साथ उन्हें भी मंगलवार को होने वाले वोटिंग का इंतजार है।
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