Reported By: Tehseen Zaidi
,रायपुर: Raipur News रायपुर में कांग्रेस के शासनकाल में खुद को मंत्री का करीबी बताकर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि स्मार्ट सिटी का टेंडर दिलाने का झांसा देकर दिल्ली के कारोबारी से करोड़ों की ठगी की गई है। शिकायत के बाद अब पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
Raipur News मिली जानकारी के अनुसार, घटना तेलीबांधा थाना क्षेत्र का है। दरअसल पूर्व सरकार के समय स्मार्ट सिटी के टेंडर दिलाने के नाम पर बड़ी ठगी का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि पूर्व कांग्रेस सरकार के शासन काल में खुद को मंत्री का करीबी बताकर केके श्रीवास्तव ने दिल्ली के कारोबारी से 15 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है।
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पुलिस में दर्ज FIR के मुताबिक, धर्मगुरु और आचार्य प्रमोद कृषणम ही रावत एसोसिएट के मालिक अर्जुन रावत को रायपुर लेकर आये थे और केके श्रीवास्तव से मिलवाया था। कंपनी के मालिक के अनुसार उनकी कंपनी द्वारा हाईवे कंट्रक्शन, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, रोड कंट्रक्शन, सरकारी बिल्डिंग का निर्माण का काम करती है। साल 2023 में आध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद कृषणम ने के के श्रीवास्तव से उनके लाभांडी स्थित रोमान्स क्यु विला अपार्टमेंट में मिलवाते हुए कहा था कि ये आपके कारोबार को बढ़ाने में मदद करेंगे।
रायपुर से वापसी के बाद केके श्रीवास्तव अर्जुन रावत से लगातार संपर्क करने लगा जून 2023 में के के श्रीवास्तव उन्हें बताया कि रायपुर स्मार्ट सिटी बनाने का प्रोजेक्ट एक मंत्री के भाई ‘असगर’ ने लिया है, जो 500 करोड रूपये का है, वे प्रोजेक्ट को सबलेट करना चाहते है जिसके लिए सरकार को 15 करोड़ की राशि परफांमेंस सिक्युरिटी एवं गारंटी मनी के रूप मे जमा करना पड़ेगा।
अर्जुन रावत ने बताया के के श्रीवास्तव ने उन्हें प्रोजेक्ट के फर्जी दस्तावेज भी दिखाये। अर्जुन रावत ने के के श्रीवास्तव पर भरोसा कर प्रोजेक्ट के नाम पर 15 करोड़ रूपये अलग अलग खातों में भेज दिए। ठेका नहीं मिलने पर रकम नहीं लौटा रहे बल्कि मांगने पर अर्जुन रावत और परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे है। जिसके बाद अब तेलीबांधा थाने में के के श्रीवास्तव और उनकी पत्नी के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है और जांच में जुट गई है।
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