Chaitra Navratri 2024 Kanya Pujan: 9 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। वहीं, 17 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। वहीं, अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन का भी विधान है। कई जगहों पर कन्या पूजन को कंजक पूजा के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान 9 छोटी लड़कियों को देवी दुर्गा के नौ अवतारों के रूप में पूजा जाता है, जिन्हें नवदुर्गा भी कहते हैं। ऐसे में अगर आप भी कन्या भोज कराने जा रहे हैं तो एक बार उससे जुड़े जरूर जान लें…
कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त (Kanya Pujan Subh Muhurt)
अष्टमी तिथि को सुबह 11:55 से दोपहर 12:47 तक अभिजीत मुहूर्त में कन्या पूजन कर सकते हैं। वहीं, महानवमी के दिन कन्या पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 27 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।
नवरात्रि में कन्या पूजन कैसे करें? (Kanya Pujan Niyam)
अगर आप महाअष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन करने जा रहे हैं तो सबसे पहले स्नान आदि करें।
स्नान करने के बाद भगवान गणेश और माता गौरी की पूजा करें।
इसके बाद कन्या पूजन के लिए 9 कन्याओं और एक लड़के को आंमत्रित करें।
ध्यान रहे पूजा की शुरुआत कन्याओं के स्वागत से करें।
इसके बाद सभी कन्याओं के साफ पानी से पैर धोएं और साफ कपड़े से पोछकर आसन पर बिठाएं। फिर कन्याओं के माथे पर कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं।
अब कन्याओं के हाथ में कलावा या मौली बांधें।
फिर एक थाली के में घी का दीपक जलाकर सभी कन्याओं की आरती उतारें।
आरती उतारने के बाद कन्याओं को भोग में पूड़ी, चना, हलवा और नारियल खिलाएं।
भोजन के बाद उन्हें अपने सामर्थ्य अनुसार भेंट दें और कन्याओं के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें।
आखिरी में उन्हें अक्षत देकर उनसे थोड़ा अक्षत अपने घर में छिड़कने को कहें।