Chaitra Navratri 2024: सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। साल में कुल चार नवरात्रि पड़ती है। चैत्र माह की नवरात्रि इस वर्ष 9 अप्रैल से शुरू होगी। 17 अप्रैल को रामनवमी के साथ ही महापर्व का समापन होगा। इस बार खास बात ये कि नवरात्रि की शुरुआत खरमास में होगी।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
चैत्र प्रतिपदा मंगलवार 9 अप्रैल रात 9. 44 बजे तक है। घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05.46 बजे से सुबह 9.08 बजे तक किया जा सकता है। इसके बाद सुबह 11.36 बजे से 12.24 दोपहर तक अभिजीत मुहूर्त में भी घट स्थापित करना भक्तों के लिए लाभकारी होगा।
खरमास में इन बातों का रखना होगा विशेष ध्यान
अखंड ज्योति की दिशा
नवरात्रि के समय जलाई जाने वाली अखंड ज्योति घर के अग्नि कोण में प्रज्जवलित करें। यानी घर के दक्षिण पूर्व कोण में घी का दीपक जलाएं। मंदिर में भी अखंड ज्योति के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा का चयन करें।
कलश स्थापना की दिशा का रखें ख्याल
चैत्र नवरात्रि के कलश स्थापना की दिशा का भी विशेष ख्याल रखें। कलश स्थापना घर के ईशान कोण या फिर उत्तर-पूर्व की दिशा में करना चाहिए।
माता के चरण चिन्ह
चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना के दिन मुख्य द्वार पर माता दुर्गा के चरण चिन्ह जरूर बनाएं। ऐसा करने से माता दुर्गा साक्षात आपके घर मे पधारेंगी और घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होगी।
माता को चुनरी करें अर्पण
चैत्र नवरात्रि में माता दुर्गा को चुनरी अवश्य अर्पण करें। इससे माता प्रसन्न होंगी।
कनेर का पुष्प
माता दुर्गा को कनेर का पुष्प बहद पसंद है। इसलिए नवरात्रि के दौरान माता को कनेर का पुष्प अवश्य चढ़ाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होगी और नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होगी।