Chaitra Navratri Subh Yoga | Source : File Photo
नई दिल्लीः Chaitra Navratri Subh Yoga: शक्ति आराधना का पर्व चैत्र नवरात्र 30 मार्च से प्रारम्भ होगी। प्रारंभिक दिवस के आधार पर माता सिंहवाहिनी हाथी पर सवार होकर आएंगी, हाथी पर ही वापस जाएंगी। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा का विधान है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना या घटस्थापना की जाती है। वहीं इस बार की चैत्र नवरात्रि की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि समेत कई शुभ योग में हो रही है। इनकी वजह से नवरात्रि पर मां दुर्गा का पूजन अति फलदायी होने वाला है।
Chaitra Navratri Subh Yoga : चैत्र नवरात्रि की शुरुआत कई शुभ योग के साथ हो रही है। इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग, ऐंद्र योग, बुधादित्य योग, शुक्रादित्य योग और लक्ष्मीनारायण योग बन रहे हैं। ये लाभदायक और उन्नतिकारक योग हैं। मां दुर्गा की भक्तिभाव से पूजा करके आप इन योग में अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बना सकते हैं।
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना या घटस्थापना करना बेहद जरूरी होता है। घटस्थापना के बाद ही पूजा की शुरुआत की जाती है। रविवार 30 मार्च 2025 को सुबह 6:30 से 10:22 तक का समय कलश स्थापना के लिए बेहद शुभ रहेगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त को भी कलश स्थापना के लिए शुभ माना गया है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:01 से 12:50 तक रहेगा।
घटस्थापना के लिए सबसे पहले शुद्ध मिट्टी में जौ मिला लें। मां दुर्गा की प्रतिमा के बगल में ही मिट्टी को रखें और इसके ऊपर एक मिट्टी का कलश रखें। कलश में गंगाजल भरकर लौंग, हल्दी की गांठ, सुपारी, दूर्वा और एक रुपये का सिक्का डालेंते। अब कलश में आम के पत्ते रखकर मिट्टी का ढक्कन लगाकर इसके ऊपर चावल, गेहूं या नारियल रखें। नारियल को रखने से पहले इसमें स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर लाल रंग के कपड़े से लपेटकर कलावा जरूर बांधें। कलश स्थापना के बाद विधि विधान से मां दुर्गा और मां शैलपुत्री की पूजा करें। देवी को सफेद फूल, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, भोग आदि लगाने के बाद घी का दीपक जलाएं और मंत्र उच्चारण करने के बाद आरती करें।
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