रायपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों विधानसभा का बजट सत्र जारी हैं। आज इस सत्र का नौंवा दिन हैं। आज कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन में सार्थक और विस्तार से चर्चा हुई। विधायक चतुरी नंद ने पुलिस विभाग की समस्यायों को सामने रखा तो उप मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री विजय शर्मा ने विस्तार से उनके सवालों का जवाब दिया। इस तरह विधानसभा के हरदिन की कार्रवाई से बेहतर परिणाम भी सामने निकल कर आ रहे हैं।
इस सत्र में एक महत्वपूर्ण बात यह रही कि विपक्ष सत्ता पक्ष से सवालों के मामले में सुस्त नजर आई जबकि भाजपा के सदस्यों ने मंत्रियों से ज्यादा से ज्यादा सवाल किये। सदन में सबसे मुखर नजर आये पूर्व मंत्री और कुरुद विधायक अजय चंद्राकर। दो दिन पहले उन्होंने वित्तमंत्री ओपी चौधरी को राखड़ मामले में जमकर घेरा था। एक वक़्त ऐसा भी आ गया था जब ओपी चौधरी भी बैकफुट पर जाते दिखाई दिए। इसी तरह राजेश मूणत ने भी महादेव घोटाला मामले में गृहमंत्री विजय शर्मा पर ही सवाल उठाते हुए कहा था कि वे इस मामले को आरोपियों को बचाने की कोशिश न करें। इस तरह भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री मौजूदा मंत्रियों की जमकर खबर ले रहे हैं। सदन की चर्चा देखकर ऐसा नहीं लगता की प्रश्नकाल में एक ही दल के नेताओ के बीच सवाल-जवाब हो रहे हो।
वही भाजपा के ही सदस्य अपने दल के मंत्रियों पर क्यों सवाल उठा रहे हैं इसकी वजह सदन के नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस सदस्य डॉ चरण दास महंत ने बताया हैं।
उन्होंने कहा कि विधायक संतुष्ट नहीं इसके दो कारण हैं, उन्हें मंत्री नहीं बनाया या फिर वे यह बताना चाहते हैं जिन्हें मंत्री बनाया वे नालायक हैं। वही नेता प्रतिपक्ष के बयान पर अजय चंद्राकर ने पलटवार करते हुए कहा कि सभी जानते हैं कुल सदस्यों के 15% ही मंत्री बन सकते हैं। उन्होंने डॉ महंत की दलीलों को विपक्ष की ओर से छोड़ा गया शिगुफा बताया। पूर्व मंत्री चंद्राकर ने कहा कि पार्टी जिसे उचित समझती है उसे मंत्री बनाया जाता है। उन्होंने आखिर में विपक्ष पर तंज कसते हुयेह कहा कि इन्हीं वजहों से भूपेश बघेल सदन में नहीं आ रहे हैं।
प्रश्नकाल में चातुरीनंद ने छत्तीसगढ़ के पुलिसकर्मियों को देय वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधाओं का मामला उठाया। इस पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि आरक्षक से निरीक्षक 12 माह में 13 माह का वेतन दिया जाता है। किट भत्ता 8 हजार सालाना दिया जाता। इसी तरह नक्सली क्षेत्र में तैनात पुलिस कर्मियों को मूल वेतन का 20 % एवं 15% प्रति माह दिया जाता है। संवेदनशील, अति संवेदनशील सामान्य क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों को सामान्य क्षेत्र के आधार पर क्रमश 50% 35% 15% अतिरिक्त वेतन दिया जाता है।
गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया की इन तमाम भत्तों और सुविधाओं के पुनर्निरीक्षण के लिए समिति गठित की गई है। विधायक ने सवाल उठाय कि पुलिस कर्मियों को 18 रू सायकल भत्ता दिया जा रहा है। इसी तरह 100 रू पौष्टिक आहार, 60 रू वर्दी धुलाई भत्ता, 1500 गृह भत्ता दिया जा रहा है जो काफी कम है।
मंत्री ने कहा कि इन सबके लिए अंतर विभागीय पुनर्निरीक्षण समिति का गठन किया गया है, विचार किया जा रहा है। अपने सवाल के दौरान चातुरी नंद ने प्रदेश के पुलिसकर्मियों का वेतन और भत्ता बढ़ाए जाने की मांग की। उन्होंने प्रमोशन की भी मांग की। मंत्री विजय शर्मा ने स्वीकारा कि भत्ता कम है। अंतर विभागीय समिति बना कर इसका शीघ्र निराकरण किया जाएगा।