12वीं के बाद भी बन सकते हैं डॉक्टर, नहीं देनी होगी नीट परीक्षा, मेडिकल फील्ड में करियर बनाने के कई ऑप्शन

medical courses after 12th नीट परीक्षा में हैं कम मार्क्स ? घबराएं नहीं, कर सकते हैं मेडिकल के ये कोर्स, शानदार है करियर स्कोप

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  • Publish Date - November 16, 2022 / 02:59 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:36 PM IST

medical courses after 12th: बायोलॉजी से 12वीं पास करने के बाद अकसर छात्र बहुत कंफ्यूज रहते है। आगामी भविष्य को लेकर लोग कई प्रकार की राय देते है। इनसे में ज्यादातर बच्चे डॉक्ट्रेट बनने के लिए नीट की तैयारी करते है। डॉक्टर बनने के सपने लेकर हर साल लाखों छात्र NEET एग्जाम में शामिल होते हैं। लेकिन कुछ छात्रों का एडमिशन कम मार्क्स के चलते तो कुछ का नीट एग्जाम क्वॉलिफाई न कर पाने के चलते एडमिशन नहीं हो पाता।

नीट की नहीं जरूरत

medical courses after 12th: लेकिन बहुत कम बच्चे ऐसे होते है जो नीट क्वॉलिफाई नहीं कर पाते है। जिसके बाद कुछ ही छात्र एमबीबीएस करने का सपना पूरा कर पाते हैं। लेकिन निराश होने की जरूरत नहीं है। मेडिकल फील्ड के कई ऐसे कोर्स हैं जिन्हें करके इस फील्ड में शानदार करियर बनाया जा सकता है। हम आपको ऐसे ही कुछ डिग्री कोर्स की जानकारी दे रहे हैं, जिनमें नीट एग्जाम के बगैर ही एडमिशन होते हैं।

पैरामेडिकल कोर्स

medical courses after 12th: हेल्थकेयर सेक्टर में डॉक्टरों के साथ एक पूरी टीम काम करती है, जो मरीज के इलाज और उसकी देखभाल करने में मदद करती है। पैरामेडिकल टीम हॉस्पिटल में असिस्टेंट का रोल निभाती हैं। पैरामेडिकल टीम में टेक्नोलॉजी, रेडियोलॉजी, एनेस्थीसिया जैसे कई डिपार्टमेंट शामिल होते हैं। पैरामेडिकल एक ऐसा कोर्स है, जिसमें डिग्री या डिप्लोमा लेने के बाद आप आसानी से हेल्थ केयर सेक्टर में अपना करियर बना सकते हैं। पैरामेडिकल कोर्स की अवधि 2 से 5 साल की होती है।

बीडीएस- बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी

medical courses after 12th: नाम से ही जाहिर है कि इसमें छात्रों को दांतों से संबंधित बीमारियों के बारे में पढ़ाया जा रहा है। एमबीबीएस की तरह बीडीएस का कोर्स भी 5 सालों का होता है। इसमें छात्रों को 4 साल पढ़ाया जाता है और एक साल की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है। बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी का कोर्स करने के बाद छात्र किसी भी प्राइवेट, सरकारी और निजी क्लीनिक में बतौर डेंटिस्ट काम कर सकते हैं। बीडीएस में एडमिशन नीट में कम स्कोर पर हो जाता है।

बीएनवाईएस- बैचलर ऑफ नैचुरोपैथी एंड योगा साइंस

medical courses after 12th: बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगा साइंस का कोर्स 4.5 सालों का होता है। इसमें स्टूडेंट्स को प्राकृतिक तरीके से कैसे ठीक किया जा सकता है इसके बारे में अच्छे से पढ़ाया जाता है। इस कोर्स को पूरा करने और 1 साल की ट्रेनिंग लेने के बाद स्टूडेंट्स योगा ट्रेनर, फिटनेस ट्रेनर के तौर पर करियर बना सकते हैं। बीएनवाईएस में एडमिशन बिना नीट एग्जाम के होता है लेकिन इसके लिए अलग प्रवेश परीक्षा पास करनी पड़ती है।

बीपीटी (बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी)

medical courses after 12th: बीपीटी का कोर्स मसाज, एक्सरसाइज और मसल्स मूवमेंट से संबंधित है। 12वीं के बाद इस कोर्स की अवधि साढ़े सालों की होती है। बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी का कोर्स करने के बाद आप देश के किसी भी सरकारी, प्राइवेट और निजी क्लीनिक में प्रैक्टिस करके फिजियोथेरेपिस्ट के तौर पर करियर बना सकते हैं।

इन कोर्स में भी कर सकते हैं अप्लाई

– बीएससी इन केमिस्ट्री
– बीएससी इन बायोकेमिस्ट्री
– बीएससी इन फिजिक्स
– बीएससी इन जूलॉजी
– बीएससी इन फिजियोथेरेपी
– बीएससी इन रेडियोलॉजी
– बीएससी इन फोरेंसिक साइंस
– बीएससी इन हॉर्टीकल्चर
– बीएससी इन बॉटनी

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