मप्र : केएनपी से भटका चीता, पहुंचा ग्वालियर; किसानों को सतर्क रहने के लिए कहा गया

मप्र : केएनपी से भटका चीता, पहुंचा ग्वालियर; किसानों को सतर्क रहने के लिए कहा गया

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  • Publish Date - May 19, 2024 / 07:18 PM IST,
    Updated On - May 19, 2024 / 07:18 PM IST

ग्वालियर (मप्र), 19 मई (भाषा) मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) से भटक कर एक मादा चीता रविवार को ग्वालियर पहुंच गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि केएनपी प्रबंधन ने सतर्कता बढ़ा दी है और स्थानीय वन विभाग ने ग्वालियर और मुरैना जिले के जंगल से सटे गांवों में किसानों को सतर्क कर दिया है।

उन्होंने बताया कि मादा चीता वीरा ने ग्वालियर जिले के एक गांव में एक बकरी का शिकार भी किया है।

प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) अंकित पांडे ने कहा, “वीरा केएनपी से बाहर निकल गई और ग्वालियर एवं मुरैना जिलों के जंगलों तक पहुंच गई। वन अधिकारी और केएनपी टीम चीता की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।’’

अधिकारी ने कहा कि जंगल से सटे गांवों के किसानों को सतर्क कर दिया गया है और उन्हें अपने मवेशियों पर नजर रखने की सलाह दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय उद्यान में चीता की वापसी सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं।

इससे पहले चार मई को, इस राष्ट्रीय उद्यान से नर चीता पवन भटककर पड़ोसी राज्य राजस्थान के करोली जिले में पहुंच गया था। हालांकि बाद में प्रबंधन द्वारा उसे बचा लिया गया था।

चीता को बसाने की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत आठ नामीबियाई चीतों को 17 सितंबर, 2022 को केएनपी के बाड़ों में छोड़ा गया था, जिनमें पांच मादा और तीन नर चीता शामिल थे।

फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते लाये गए। केएनपी में अब 27 चीते हैं, जिनमें भारतीय धरती पर जन्मे 14 शावक भी शामिल हैं।

भाषा सुरेश रंजन

रंजन