1 सप्ताह के लॉकडाउन से देसी राखियों के बाजार को तगड़ा झटका

1 सप्ताह के लॉकडाउन से देसी राखियों के बाजार को तगड़ा झटका

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  • Publish Date - July 23, 2020 / 05:51 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 10:41 AM IST

रायपुर। हफ्तेभर के लाकडॉउन से प्रदेश के देसी राखियों के बाजार को तगड़ा झटका है। बाज़ारों में सजी राखियों की बिक्री पर लाकडॉउन ने ग्रहण लगा दिया है। राज्य में अनलॉक होते ही थोक व्यापारियों ने जून के महीने में करोड़ों का नया माल मंगा लिया था। चाइनीज माल को बायकॉट करते हुए इस बार राखियों का बाजार पूरी तरह से देसी राखियों से सज चुका था।

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त्योहार के ठीक पहले बाज़ारों से राखी की रौनक गायब होने से थोक व्यापारियों के साथ साथ चिल्हर विक्रेताओं को भी भारी नुकसान हो रहा है। दरअसल त्योहार के दो महीने पहले ही जहां थोक व्यापारियों ने स्थिति को देखते हुए हर साल की तुलना में कम लेकिन लगभग 1 करोड़ की राखियां मंगाई थी, तो वहीं चिल्हर विक्रेताओं और त्योहारी दुकानदारों ने भी उधारी लेकर थोक व्यापारियों से हजारों का माल खरीदा था।

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अब राजधानी में राखियों के लिए प्रसिद्ध बंजारी चौक, गोल बाजार,आमापारा ,चिकनी मंदिर में त्योहारी दुकान लगाने वालों को लगभग 40 से 50 लाख का नुकसान हो सकता है।

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सबसे ज्यादा परेशानी की बात ये है कि कई दुकानदारों आए व्यापारियों ने तो घाटे की भरपाई के लिए नया माल ना मंगाकर घाटे की भरपाई के लिए पुराने स्टॉक बेचने की तैयारी की थी, अब पुराना स्टॉक भी नहीं बिकने के चलते दुकानदारों और व्यापारियों को दुगुना नुकसान झेलना पड़ रहा है। नुकसान की दुगनी मार के बीच राखी के बाज़ारों की दुकानों में जड़े तालों ने त्योहार के रंग को पूरी तरह से फीका कर दिया है।