Five languages of India have been given the status of classical language : नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को मराठी, बांग्ला और असमिया सहित पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर खुशी जताई और कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार क्षेत्रीय भाषाओं को लोकप्रिय बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर अटूट रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पाली और प्राकृत भाषा को भी शास्त्रीय दर्जा प्रदान करने को मंजूरी दी।
मोदी ने इस फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट किए और कहा कि ये सभी भाषाएं सुंदर हैं और देश की जीवंत विविधता को रेखांकित करती हैं। उन्होंने इसके लिए सभी को बधाई देते हुए कहा, ‘हमारी सरकार भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को महत्व देती है और उसका जश्न मनाती है। हम क्षेत्रीय भाषाओं को लोकप्रिय बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर भी अटूट रहे हैं।’
मराठी भाषा ही भारताचा अभिमान आहे. या अद्वितीय भाषेला अभिजात भाषेचा दर्जा मिळाल्याबद्दल अभिनंदन. हा सन्मान म्हणजे मराठी भाषेने आपल्या देशाच्या इतिहासात दिलेल्या समृद्ध सांस्कृतिक योगदानाचा गौरवच आहे. मराठी भाषा ही कायमच भारतीय वारशाचा आधारस्तंभ राहिली आहे. मला खात्री आहे की अभिजात…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 3, 2024
Five languages of India have been given the status of classical language मराठी को अभूतपूर्व और भारत का गौरव करार देते हुए उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘यह सम्मान हमारे देश के इतिहास में मराठी के समृद्ध सांस्कृतिक योगदान को मान्यता देता है। मराठी हमेशा से भारतीय विरासत की आधारशिला रही है। मुझे विश्वास है कि शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से कई और लोग इसे सीखने के लिए प्रेरित होंगे।’
उन्होंने कहा कि असमिया संस्कृति सदियों से फूलती-फलती रही है और इसने देश एक समृद्ध साहित्यिक परंपरा दी है। उन्होंने कहा, ‘कामना है कि आने वाले समय में यह भाषा और भी लोकप्रिय होती रहे। मेरी बधाई।’ बांग्ला को महान भाषा करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि इसे दुर्गा पूजा के शुभ समय के दौरान शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है।
Five languages of India have been given the status of classical language उन्होंने कहा, ‘बांग्ला साहित्य ने अनगिनत लोगों को वर्षों से प्रेरित किया है। मैं विश्व भर के सभी बांग्ला भाषियों को इसके लिए बधाई देता हूं।’’ पाली और प्राकृत भारत की संस्कृति के मूल में बसी भाषाएं करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये आध्यात्मिकता, ज्ञान और दर्शन की भाषाएं भी हैं। उन्होंने कहा, ‘ये भाषाएं अपनी साहित्यिक परंपराओं के लिए भी जानी जाती हैं। शास्त्रीय भाषाओं के रूप में इन्हें जो मान्यता दी गई है, यह भारतीय विचार, संस्कृति और इतिहास पर उनके कालातीत प्रभाव का सम्मान है।’ प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उन्हें शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मान्यता देने के मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद और अधिक लोग उनके बारे में जानने के लिए प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा, ‘यह वास्तव में एक खुशी का क्षण है!’ प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल के अन्य फैसलों की भी सराहना की।
আমি অত্যন্ত খুশি যে মহান বাংলা ভাষাকে ধ্রুপদী ভাষার মর্যাদা দেওয়া হয়েছে আর তাও পবিত্র দুর্গা পূজার সময়েই।বাংলা সাহিত্য অসংখ্য মানুষকে বছরের পর বছর ধরে অনুপ্রাণিত করে আসছে । এই উপলক্ষে বিশ্ব জুড়ে সকল বাংলা ভাষাভাষী-কে অভিনন্দন জানাই ।
— Narendra Modi (@narendramodi) October 3, 2024
चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण को मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने पर उन्होंने कहा कि इससे एक जीवंत शहर में जीवन जीने की सुगमता को को बढ़ावा मिलेगा। चेन्नई और तमिलनाडु के लोगों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, ‘यह यातायात को आसान बनाने, स्थिरता और आर्थिक विकास में सुधार करने में मदद करेगा।’ मोदी ने कहा कि उनकी सरकार किसान भाई-बहनों के कल्याण के लिए हम प्रतिबद्ध है और इसी दिशा में आज दो अहम फैसले लेते हुए पीएम-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नति योजना को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा, ‘इससे अन्नदाताओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही खाद्य सुरक्षा को और मजूबती मिलेगी।’