ओयो का दावा, पंचनिर्णय में जेडओ रूम्स को काई राहत नहीं मिली है

ओयो का दावा, पंचनिर्णय में जेडओ रूम्स को काई राहत नहीं मिली है

ओयो का दावा, पंचनिर्णय में जेडओ रूम्स को काई राहत नहीं मिली है
Modified Date: November 29, 2022 / 08:55 pm IST
Published Date: March 8, 2021 3:54 pm IST

नयी दिल्ली, आठ मार्च (भाषा) ओयो होटल श्रृंखला का परिचालन करने वाली ओरवेल स्टेस प्राइवेट लि. ने कहा है कि यदि उसे जोस्टल हॉस्पिटैलिटी के अधिग्रहण से जुड़े़ विवादास्पत पक्के करार के क्रियान्वयन के लिए बाध्य किया गया, तो वह उसका ‘सख्ती से विरोध’ करेगी।

इससे पहले एक पंच-निर्णय फोरम ने जोस्टल हॉस्पिटैलिटी को ओरवेल स्टेस में अपने शेयरधारकों के लिए सात प्रतिशत हिस्सेदारी लेने के लिए विलय की शर्तों के अनुसार ‘उचित प्रक्रिया’ शुरू करने की अनुमति दी थी। इसके बाद ही ओरवेल का यह बयान आया है।

जोस्टल हॉस्पिटैलिटी (जेडओ रूम्स) ने ओयो को अदालत में घसीटा था।

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जेडओ रूम्स का दावा है कि उसने नवंबर, 2015 में हुए विलय करार के तहत सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया और अपने कारोबार को ओयो को हस्तांतरित कर दिया। जोस्टल की शिकायत है कि ओयो शर्त के अनुसार उसके शेयरधारकों को अपनी सात प्रतिशत हिस्सेदारी स्थानांतरित करने में विफल रही।

अक्टूबर, 2018 के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद न्यायमूर्ति ए एम अहमदी को इस विवाद को निपटाने के लिए पंच नियुक्त किया गया था।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर


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