अगले साल पेश हो सकता है जेप्टो का आईपीओ: सीईओ

अगले साल पेश हो सकता है जेप्टो का आईपीओ: सीईओ

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  • Publish Date - December 2, 2024 / 05:22 PM IST,
    Updated On - December 2, 2024 / 05:22 PM IST

(मौमिता बख्शी चटर्जी)

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) रोजमर्रा के उपयोग के सामान की त्वरित आपूर्ति करने वाली कंपनी जेप्टो ने कहा है कि वह पूरी तरह से भारतीय स्वामित्व वाली इकाई बनने और सकारात्मक शुद्ध लाभ का स्तर हासिल करने के रास्ते पर है। कंपनी ने हाल ही में प्रमुख घरेलू निवेशकों से 35 करोड़ डॉलर का वित्तपोषण जुटाया है।

कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदित पालिचा 2025 में कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को लेकर आशावादी हैं।

पीटीआई-भाषा के साथ विशेष बातचीत में पालिचा ने पारंपरिक किराना दुकानों की वृद्धि को बाधित करने और अवरुद्ध करने वाले त्वरित वाणिज्य मॉडल के आरोपों का खंडन किया।

उन्होंने कहा कि ये बातें वास्तविक आंकड़ों पर आधारित नहीं हैं और रोजगार सृजन सहित उद्योग द्वारा अब तक हासिल किए गए ‘शुद्ध सकारात्मक’ (परिणामों) को कम करके आंकते हैं।

पालिचा ने कहा कि जेप्टो जैसे 10 मिनट में डिलीवरी (वस्तुएं पहुंचाने वाले) वाले मॉडल ने लाखों नौकरियां पैदा की हैं, वेतन में वृद्धि की है, तथा उपभोक्ताओं और श्रमिकों दोनों के लिए सर्वांगीण ‘मूल्य’ का सृजन किया है।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि किराने का सामान और दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए बड़े पैमाने पर क्रियान्वित त्वरित वाणिज्य मॉडल अभूतपूर्व है। यह वैश्विक स्तर पर पर बेजोड़ है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय प्रौद्योगिकी की अद्वितीय ताकत को दर्शाता है।

आंकड़ों और संख्याओं के साथ पालिचा ने खुदरा वितरकों के एक समूह द्वारा लगाए गए बाजार खराब करने वाली कीमतों जैसे आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि मंच पर बेचे जाने वाले 99.8 प्रतिशत उत्पाद लागत से अधिक कीमत पर बिकते हैं।

उन्होंने कहा, “…सही मायने में पिछले कुछ वर्षों में त्वरित वाणिज्य के बारे में बनाए गए विचार सही नहीं है और आंकड़े भी इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। अत: बाजार खराब करने वाले मूल्य निर्धारण का आरोप वास्तव में सही नहीं है…।’’

खाद्य गुणवत्ता सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उन्होंने माना कि इसको लेकर चिंताएं हैं कि उद्योग किस तरह से प्रक्रियाओं को उपभोक्ता-अनुकूल बना सकता है।

पालिचा ने कहा कि उद्योग इस जांच का स्वागत करता है और कंपनी के हित ग्राहकों के साथ जुड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा, “इसलिए हम एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) के साथ विवाद में नहीं हैं… हम उन्हें एक भागीदार के रूप में देखते हैं जो हमारे ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने में हमारी मदद कर सकता है।”

उन्होंने कहा, “यह आर्थिक रूप से असंभव है कि किराना स्टोर सिमट रहे हैं… हम बढ़ रहे हैं, लेकिन किराना स्टोर भी बढ़ रहे हैं और वाणिज्य के अन्य प्रारूप भी बढ़ रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि इसका एक उदाहरण यह है कि त्वरित वाणिज्य उद्योग ने तीन वर्षों में 4.5 लाख नौकरियां पैदा की हैं। 20,000 रुपये से अधिक का औसत वेतन भी असंगठित क्षेत्र की नौकरियों की तुलना में ‘अधिक’ है।

सिंगापुर से भारत में निवास स्थान बदलने की कंपनी की योजना की स्थिति के बारे में पालिचा ने कहा कि कंपनी इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है और सभी कार्य पूरे हो चुके हैं या लगभग पूरे होने वाले हैं।

उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि कंपनी अगले वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2025-26 में पूर्णतः भारतीय स्वामित्व वाली कंपनी बन जाएगी…।”

जेप्टो अगली तिमाही तक 50 से अधिक शहरों में विस्तार करना चाहता है। फिलहाल उसकी उपस्थिति लगभग दो दर्जन शहरों में है।

पालिचा ने कहा, “अगले वित्त वर्ष में हमारा शुद्ध लाभ सकारात्मक हो जाएगा। हमें पूरा भरोसा है और उम्मीद है कि यह बाजारों के लिए सकारात्मक संकेत होगा।”

भाषा अनुराग रमण

रमण