‘याराना जारी रहेगा’, भारत, मालदीव के बीच सहयोग बढ़ाने को दृष्टिकोण पत्र जारी

‘याराना जारी रहेगा’, भारत, मालदीव के बीच सहयोग बढ़ाने को दृष्टिकोण पत्र जारी

  •  
  • Publish Date - October 7, 2024 / 09:34 PM IST,
    Updated On - October 7, 2024 / 09:34 PM IST

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) भारत ने सोमवार को कहा कि मालदीव के साथ उसके दोस्ताना संबंध बने रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने व्यापक आर्थिक और समुद्री सहयोग के लिए एक खाका पेश किया। यह दोनों देशों के बीच पिछले साल आई कुछ खटास के बाद रिश्तों के फिर से बेहतर होने का संकेत है।

मोदी और मुइज्जू ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और मुद्रा अदला-बदली समझौते पर सहमति जतायी। इसके तहत भारत, मालदीव को 40 करोड़ डॉलर की सहायता देगा। साथ ही 3,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता प्रदान करेगा।

यहां प्रधानमंत्री मोदी के साथ हैदराबाद हाउस में बातचीत के बाद मुइज्जू ने कहा, ‘‘मैं 40 करोड़ डॉलर के द्विपक्षीय मुद्रा अदला-बदली समझौते के अलावा 30 अरब रुपये (3,000 करोड़ रुपये) के रूप में सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार का आभारी हूं। यह विदेशी मुद्रा से जुड़े मुद्दों का हल करने में सहायक होगा।’’

मोदी ने कहा, ‘‘हमने द्विपक्षीय संबंधों में रणनीतिक आयाम जोड़ने के लिए ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ को अपनाया है।’’

दोनों नेताओं ने मालदीव में रुपे कार्ड जारी किया।

इसके अलावा डिजिटल रूप से हनीमाधू अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नये रनवे का उद्घाटन किया और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति जतायी।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आई थी।

मोदी ने कहा, ‘‘आने वाले समय में हम भारत और मालदीव को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) से जोड़ने की दिशा में काम करेंगे।’’

इससे पहले, रविवार को पांच दिन के राजकीय दौरे पर आए मुइज्जू का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद थे।

मालदीव के राष्ट्रपति बृहस्पतिवार को माले लौटेंगे। उससे पहले मंगलवार को आगरा और मुंबई जाएंगे। बुधवार को बेंगलुरु जाएंगे।

मुइज्जू ने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव जीता था और भारत से इस साल मई तक वहां तैनात अपने सैन्य कर्मियों को वापस लेने के लिए कहा था।

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को उस समय झटका लगा जब मालदीव के मंत्रियों ने मोदी के बारे में आलोचनात्मक टिप्पणियां कीं। हालांकि, मुइज्जू ने उन मंत्रियों को बर्खास्त करते हुए अपने भारत विरोधी रुख को कुछ नरम किया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री से पूछा गया कि भारत पिछले साल द्विपक्षीय संबंधों में आई खटास को दूर करने कैसे कामयाब रहा, तो इसपर उन्होंने कहा, ‘‘याराना जारी रहेगा।’’

विदेश सचिव ने कहा कि भारत और मालदीव के बीच संबंध कई महत्वपूर्ण स्तंभों पर आधारित हैं।

मिस्री ने कहा, ‘‘इस यात्रा में हमारा प्रयास पहले से मौजूद इस मजबूत रिश्ते को और प्रगाढ़ करने तथा कई साझा हितों को आगे बढ़ाने का है। आज दोनों नेताओं ने इस रिश्ते के महत्व को पहचाना।’’

मुद्रा अदला-बदली समझौते के बारे में पूछे जाने पर, विदेश सचिव ने कहा, ‘‘इस पहल का मकसद मालदीव के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाना और उसकी मौजूदा विदेशी मुद्रा स्थिति में भरोसा पैदा करना है। उन्हें उन सौदों या चर्चाओं में प्रवेश करने की अनुमति देना है जहां उन्हें इस बढ़ी हुई विदेशी मुद्रा की आवश्यकता होती है।’’

मोदी और मुइज्जू ने ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के लिए एक दृष्टिकोण पत्र को भी पेश किया। यह सहयोग का दस्तावेज है जो विभिन्न पहलुओं को शामिल करता है।

मिस्री ने कहा कि दृष्टिकोण पत्र का दस्तावेज आगे के रिश्ते का खाका तय करता है।

दोनों पक्ष माले बंदरगाह पर भीड़ कम करने के लिए बढ़ी हुई कार्गो रखरखाव क्षमता के साथ थिलाफुशी द्वीप पर एक वाणिज्यिक बंदरगाह के विकास में सहयोग करने पर भी सहमत हुए।

दोनों नेताओं ने मालदीव के इहावंधिपपोलु और गाधू द्वीपों पर मालदीव आर्थिक गेटवे परियोजना में योगदान देने वाली ‘ट्रांसशिपमेंट’ सुविधाओं और बंकरिंग सेवाओं के विकास के लिए सहयोग की संभावना तलाशने को लेकर भी सहमति जतायी।

दोनों पक्ष हनीमाधू और गान हवाई अड्डों की पूरी क्षमता का पूर्ण उपयोग करने के लिए संयुक्त रूप से काम करने पर भी सहमत हुए। इनका विकास भारत की सहायता से किया जा रहा है।

इसके अलावा, दोनों देश ‘कृषि आर्थिक क्षेत्र’ की स्थापना, हा धालू एटोल और मछली प्रसंस्करण में पर्यटन निवेश को लेकर भी सहमत हुए।

दोनों नेताओं ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने का फैसला किया है। साथ ही अड्डू में एक भारतीय वाणिज्य दूतावास और बेंगलुरु में एक मालदीव वाणिज्य दूतावास खोलने पर भी चर्चा हुई।

भाषा रमण अजय

अजय

रमण

रमण