कोरिया। नोवेल कोरोना वायरस महामारी से पूरे देश में लॉकडाउन है, पर कोयला उत्पादन करने वाली कम्पनी कोल इंडिया में देश हित में कोयला उत्पादन जारी है, यहां लगातार कोयला खदानें चल रही हैं। श्रमिक खदानों में लगातार इस संकट के घड़ी में भी अपना सहयोग दे कर प्रतिदिन कोयला उत्पादन कर रहे हैं ताकि बड़े से बड़े पावर प्लांट बंद ना हो। इस संकट की घड़ी में एसईसीएल चिरमिरी के कोल प्रबंधन ने अपने श्रमिकों और उनके परिवारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक सेनेटाइजर चेम्बर बनाया है जहाँ हर कर्मचारी पच्चीस सेकंड तक सेनेटाइजर से गुजरकर खदान के अंदर जाता है।
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हम बात कर रहे हैं कोरिया जिले के एसईसीएल चिरमिरी बरतुंगा हिल माइन्स की जहाँ नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते यहां के प्रबंधन द्वारा सेनेटाइजिंग उपक्रम बनाकर लगाया गया है जो श्रमिकों के पूरे शरीर को पच्चीस सेकंड तक सेनेटाइज कर रही है। आपको बता दें कि इस उपक्रम को एसईसीएल ने कहीं बाहर से आयात नही किया है बल्कि माइन्स में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों ने आपसी सूझबूझ से खुद सेनेटाइजर मशीन को बनाया है।
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पूरा देश कोरोना वायरस संक्रमण से निरंतर जूझ रहा है पर एसईसीएल के कर्मचारी पूरी निष्ठा से कोयले का उत्पादन करने में लगे हुए हैं। उन सभी कर्मचारियों की सुरक्षा का दायित्व खदान प्रबन्धक का होता है। उसी को मद्देनजर रखते हुए बरतुंगा हिल माइन्स के खदान प्रबंधक अभिजीत तरफ़दार ने कर्मचारियों को कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए एक पहल की और उनके लिए सेनेटाइजर मशीन लगाया गया । यहां काम करने वाले श्रमिक भी इस पहल की सराहना कर रहे हैं।
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खदान में घुसने से पहले और खदान से निकलकर घर जाने वक्त इसी मशीन से होकर सेनेटाइज होने के बाद जाना होता है। अभी माइन्स में एक ही सेनेटाइजर चेम्बर लगाया गया हैं । एसईसीएल प्रबंधन इसके सफल प्रयोग के बाद चिरमिरी क्षेत्र के दूसरे माइन्स में भी सेनेटाइजर उपक्रम लगाने की कोशिश में लगा है। खान प्रबंधक अभिजीत तरफदार ने मोबाइल में विदेश में इस प्रकार का सेनेटाइजिंग उपक्रम बनाया हुआ देखा तो उनके मन मे भी विचार आया । जिसके बाद अपने लगभग पाँच सौ श्रमिकों और उनके परिवारों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए इस संकट की घड़ी में इसकी चर्चा अपने साथी श्रमिकों व अधिकारियों से चर्चा कर इस सेनेटाइजिंग उपक्रम को बनाया ।
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देश में सम्पूर्ण कोल इंडिया में ये पहला सेनेटाइजर बनाया गया है जिसकी सराहना खुद कोयला मंत्रालय के मंत्री प्रहलाद जोशी ने ट्वीट कर की है। ये एसईसीएल के साथ कोल इंडिया के लिए गौरव की बात है कि भारत सरकार ने इस पहल की सराहना की है।