देशहित के लिए लॉकडाउन में भी को​यला उत्पादन, श्रमिकों ने अपनी सुरक्षा के लिए खुद ही ​इजाद कर ली सैनिटाइजिंग मशीन

देशहित के लिए लॉकडाउन में भी को​यला उत्पादन, श्रमिकों ने अपनी सुरक्षा के लिए खुद ही ​इजाद कर ली सैनिटाइजिंग मशीन

देशहित के लिए लॉकडाउन में भी को​यला उत्पादन, श्रमिकों ने अपनी सुरक्षा के लिए खुद ही ​इजाद कर ली सैनिटाइजिंग मशीन
Modified Date: November 29, 2022 / 08:01 pm IST
Published Date: April 12, 2020 11:33 am IST

कोरिया। नोवेल कोरोना वायरस महामारी से पूरे देश में लॉकडाउन है, पर कोयला उत्पादन करने वाली कम्पनी कोल इंडिया में देश हित में कोयला उत्पादन जारी है, यहां लगातार कोयला खदानें चल रही हैं। श्रमिक खदानों में लगातार इस संकट के घड़ी में भी अपना सहयोग दे कर प्रतिदिन कोयला उत्पादन कर रहे हैं ताकि बड़े से बड़े पावर प्लांट बंद ना हो। इस संकट की घड़ी में एसईसीएल चिरमिरी के कोल प्रबंधन ने अपने श्रमिकों और उनके परिवारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक सेनेटाइजर चेम्बर बनाया है जहाँ हर कर्मचारी पच्चीस सेकंड तक सेनेटाइजर से गुजरकर खदान के अंदर जाता है।

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हम बात कर रहे हैं कोरिया जिले के एसईसीएल चिरमिरी बरतुंगा हिल माइन्स की जहाँ नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते यहां के प्रबंधन द्वारा सेनेटाइजिंग उपक्रम बनाकर लगाया गया है जो श्रमिकों के पूरे शरीर को पच्चीस सेकंड तक सेनेटाइज कर रही है। आपको बता दें कि इस उपक्रम को एसईसीएल ने कहीं बाहर से आयात नही किया है बल्कि माइन्स में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों ने आपसी सूझबूझ से खुद सेनेटाइजर मशीन को बनाया है।

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पूरा देश कोरोना वायरस संक्रमण से निरंतर जूझ रहा है पर एसईसीएल के कर्मचारी पूरी निष्ठा से कोयले का उत्पादन करने में लगे हुए हैं। उन सभी कर्मचारियों की सुरक्षा का दायित्व खदान प्रबन्धक का होता है। उसी को मद्देनजर रखते हुए बरतुंगा हिल माइन्स के खदान प्रबंधक अभिजीत तरफ़दार ने कर्मचारियों को कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम के लिए एक पहल की और उनके लिए सेनेटाइजर मशीन लगाया गया । यहां काम करने वाले श्रमिक भी इस पहल की सराहना कर रहे हैं।

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खदान में घुसने से पहले और खदान से निकलकर घर जाने वक्त इसी मशीन से होकर सेनेटाइज होने के बाद जाना होता है। अभी माइन्स में एक ही सेनेटाइजर चेम्बर लगाया गया हैं । एसईसीएल प्रबंधन इसके सफल प्रयोग के बाद चिरमिरी क्षेत्र के दूसरे माइन्स में भी सेनेटाइजर उपक्रम लगाने की कोशिश में लगा है। खान प्रबंधक अभिजीत तरफदार ने मोबाइल में विदेश में इस प्रकार का सेनेटाइजिंग उपक्रम बनाया हुआ देखा तो उनके मन मे भी विचार आया । जिसके बाद अपने लगभग पाँच सौ श्रमिकों और उनके परिवारों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए इस संकट की घड़ी में इसकी चर्चा अपने साथी श्रमिकों व अधिकारियों से चर्चा कर इस सेनेटाइजिंग उपक्रम को बनाया ।

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देश में सम्पूर्ण कोल इंडिया में ये पहला सेनेटाइजर बनाया गया है जिसकी सराहना खुद कोयला मंत्रालय के मंत्री प्रहलाद जोशी ने ट्वीट कर की है। ये एसईसीएल के साथ कोल इंडिया के लिए गौरव की बात है कि भारत सरकार ने इस पहल की सराहना की है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com