वैश्विक नेताओं ने डबल्यूईएफ में एआई और क्षेत्रीय सुधारों पर कार्रवाई का किया आह्वान

वैश्विक नेताओं ने डबल्यूईएफ में एआई और क्षेत्रीय सुधारों पर कार्रवाई का किया आह्वान

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  • Publish Date - January 23, 2025 / 11:23 AM IST,
    Updated On - January 23, 2025 / 11:23 AM IST

दावोस, 23 जनवरी (भाषा) विश्व आर्थिक मंच (डबल्यूईएफ) की पांच दिवसीय वार्षिक बैठक के दौरान विभिन्न देशों के नेताओं ने कृत्रिम मेधा (एआई) के अनियंत्रित प्रसार पर कार्रवाई का आह्वान किया। यह वार्षिक बैठक शुक्रवार को संपन्न होगी।

स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने विशेष संबोधन में गलत सूचना और साइबर उत्पीड़न पर अंकुश लगाने के लिए यूरोपीय संघ में सोशल मीडिया प्रशासन में सुधार का आह्वान किया।

उन्होंने डिजिटल सेवा अधिनियम के अधिक सख्त क्रियान्वयन और ‘एल्गोरिथमिक’ पारदर्शिता के लिए यूरोपीय केंद्र की शक्तियों का विस्तार करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘ यूरोपीय संघ के मूल्य बिकाऊ नहीं हैं’’ और सोशल मीडिया एल्गोरिदम पर शोध के लिए अधिक धन मुहैया कराने का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यूरोप के सबसे प्रतिभाशाली लोग इस महत्वपूर्ण चुनौती का समाधान तलाश पाएं।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनिया गुतारेस ने दो बढ़ते वैश्विक खतरों कृत्रिम मेधा का अनियंत्रित विस्तार और जलवायु संकट पर कड़ी चेतावनी जारी की।

उन्होंने आगाह किया कि ये चुनौतियां मानवता के लिए अभूतपूर्व जोखिम उत्पन्न करती हैं तथा सरकारों व निजी क्षेत्र से तत्काल एकीकृत कार्रवाई की मांग करती हैं।

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के राष्ट्रपति फेलिक्स-एंटोनी त्सेसीकेदी त्सिलोंबो ने दुनिया के सबसे बड़े उष्णकटिबंधीय वन संरक्षण के लिए हरित गलियारे के निर्माण की घोषणा की है। यह किवु से किंशासा तक कांगो नदी बेसिन में 550,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक वन क्षेत्र की रक्षा करेगा।

इस बीच, बशर अल-असद शासन के अचानक पतन के कुछ सप्ताह बाद सीरिया के विदेश मंत्री असद हसन अल-शैबानी ने नई सरकार की योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम अतीत की ओर नहीं देखेंगे। हम भविष्य की ओर देखेंगे। और हम अपने लोगों से वादा करते हैं कि यह दुख दोबारा नहीं दोहराया जाएगा।’’

वहीं ईरान के सामरिक मामलों के उप राष्ट्रपति जावेद जरीफ ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में 2018 में संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेपीओए या ईरान परमाणु समझौते) से हटने पर पुनर्विचार किए जाने और समझौते से हटने की लागत के बारे में अधिक गंभीर, अधिक केंद्रित, अधिक यथार्थवादी होने की उम्मीद जाहिर की।

उन्होंने कहा, ‘‘ ईरान को रोकने में सक्षम होने के मामले में (जेसीपीओए से हटना) विफल रहा है।’’

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा