वाशिंगटन, 29 नवंबर (एपी) इस साल आश्चर्यजनक रूप से लचीली साबित हुई विश्व अर्थव्यवस्था युद्ध से पैदा होने वाले तनाव, मुद्रास्फीति में वृद्धि और ऊंची ब्याज दरों के कारण अगले साल धीमी पड़ जाएगी। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने बुधवार को यह अनुमान जताया।
पेरिस स्थित ओईसीडी ने एक रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2024 में अंतरराष्ट्रीय वृद्धि दर धीमी होकर 2.7 प्रतिशत रह जाएगी। यह 2020 में आई महामारी के बाद से सबसे धीमी वार्षिक वृद्धि दर होगी। वर्ष 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था के 2.9 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
ओईसीडी का अनुमान है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं- अमेरिका और चीन की वृद्धि दर अगले साल धीमी हो जाएगी। अमेरिकी अर्थव्यवस्था के 2023 के 2.4 प्रतिशत के मुकाबले 2024 में केवल 1.5 प्रतिशत की ही दर से बढ़ने का अनुमान है।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की उच्च दरों ने उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए कर्ज लेना अधिक महंगा कर दिया है। हालांकि इससे मुद्रास्फीति पर कुछ लगाम लगी है। ओईसीडी का अनुमान है कि अमेरिकी मुद्रास्फीति इस साल के 3.9 प्रतिशत से घटकर अगले साल 2.8 प्रतिशत पर आ जाएगी।
दूसरी ओर रियल एस्टेट संकट, बढ़ती बेरोजगारी और निर्यात में सुस्ती से जूझ रहे चीन की अर्थव्यवस्था के 2024 में 4.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। इस साल के लिए यह अनुमान 5.2 प्रतिशत है।
एपी पाण्डेय प्रेम
प्रेम
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