नयी दिल्ली, दो जनवरी (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) की गणना के आधार वर्ष को संशोधित कर 2022-23 करने के लिए नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद की अध्यक्षता में एक कार्यसमूह गठित किया गया है।
मौजूदा समय में डब्ल्यूपीआई की गणना में वर्ष 2011-12 को आधार वर्ष माना जाता है।
डब्ल्यूपीआई की गणना में आधार वर्ष की तुलना में कीमतों में वृद्धि का आकलन किया जाता है। ऐसे में आधार वर्ष को संशोधित करने से देश में मूल्य स्थिति की अधिक सामयिक एवं यथार्थवादी तस्वीर सामने आने की संभावना होती है।
वाणिज्य मंत्रालय ने बयान में कहा कि कार्यसमूह अर्थव्यवस्था में आए संरचनात्मक बदलावों को ध्यान में रखते हुए आधार वर्ष 2022-23 के साथ डब्ल्यूपीआई और उत्पादक मूल्य सूचकांक (पीपीआई) के जिंस समूह से संबंधित सुझाव देगा।
इसके अलावा समूह उत्पादों के मूल्य संग्रह की मौजूदा प्रणाली की समीक्षा करेगा और सुधार के लिए जरूरी सुझाव देगा। समूह डब्ल्यूपीआई/ पीपीआई के लिए अपनाई जाने वाली गणना पद्धति पर भी निर्णय लेगा।
समूह उत्पादक मूल्य सूचकांक के संकलन की पद्धति की भी जांच करेगा, संकलन एवं प्रस्तुति में जरूरी सुधारों के सुझाव देगा और डब्ल्यूपीआई से पीपीआई का रुख करने के लिए खाका भी पेश करेगा।
कार्यसमूह के सदस्यों में भारतीय रिजर्व बैंक, आर्थिक मामलों के विभाग, सांख्यिकी मंत्रालय, कृषि विभाग, उपभोक्ता मामलों के विभाग, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल हैं। एसबीआई समूह के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष भी इसमें शामिल हैं।
इनके अलावा गैर-आधिकारिक सदस्यों के तौर पर अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद में सदस्य शमिका रवि, क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री धर्मकीर्ति जोशी, कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के प्रबंध निदेशक नीलेश शाह और बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच में सह-प्रमुख और अर्थशास्त्री इंद्रनील सेनगुप्ता को समूह में जगह दी गई है।
पहले आधार वर्ष को 2011-12 से संशोधित कर 2017-18 करने की योजना थी। लेकिन अब इसे 2022-23 करने के बारे में विचार किया जाएगा।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने जून, 2021 में एक कार्यसमूह की तकनीकी रिपोर्ट का मसौदा जारी किया था। उस रिपोर्ट में आधार वर्ष को संशोधित करने और नई शृंखला में लगभग 480 नए उत्पादों को शामिल करने का सुझाव दिया गया था।
फिलहाल थोक मूल्य सूचकांक की गणना में कुल 697 उत्पादों को आधार बनाया जाता है जिनमें 117 प्राथमिक उत्पाद, 16 ईंधन एवं बिजली उत्पाद और 564 विनिर्मित उत्पाद शामिल हैं।
कीमतों में संशोधन पर नजर रखने के लिए दो प्रमुख सूचकांकों का उपयोग किया जाता है। इनमें थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) शामिल हैं।
जहां डब्ल्यूपीआई थोक बाजारों में वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को मापता है, वहीं सीपीआई खुदरा स्तर पर उन वस्तुओं और कुछ सेवाओं की कीमतों पर नजर रखता है।
वर्ष 1942 में डब्ल्यूपीआई गणना की शुरुआत आधार वर्ष 1939 के साथ हुई थी। उसके बाद इसे समय-समय पर सात बार संशोधित किया जा चुका है। मौजूदा समय में 2011-12 को आधार वर्ष माना जाता है जिसकी शुरुआत मई, 2017 में हुई थी।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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