नयी दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि सरकार देश के माल एवं सेवाओं के निर्यात में और तेजी लाने के लिए निर्यात रणनीति पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय निर्यातकों की चिंताओं को दूर करके तथा भारत के प्रतिस्पर्धी लाभ एवं ताकत के क्षेत्रों की पहचान करके 2030 तक निर्यात को दो लाख करोड़ डॉलर तक ले जाने के लिए लक्षित तरीके से काम कर रहा है।
गोयल ने पीटीआई-भाषा से कहा, “वैश्विक चुनौतियों के बावजूद वस्तुओं और सेवाओं, दोनों का निर्यात अच्छा चल रहा है… हम एक निर्यात रणनीति पर काम कर रहे हैं, ताकि यह देखा जा सके कि हम वस्तुओं और सेवाओं दोनों के निर्यात में किस प्रकार तेजी ला सकते हैं।”
वर्ष 2024-25 में निर्यात 800 अरब डॉलर को पार कर जाने की उम्मीद है। पिछले वित्त वर्ष में यह 778 अरब डॉलर था।
आगामी बजट से निर्यात के लिए उनकी अपेक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर, मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा निर्यातक समुदाय के लिए ‘बहुत’ सहायक रहे हैं।
उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) हमारे निर्यात को समर्थन देने के लिए हमेशा सक्रिय रहेंगे।”
निर्यात ऋण में गिरावट और उच्च ब्याज दरों के संबंध में निर्यातकों की चिंताओं पर गोयल ने कहा कि मंत्रालय इन मुद्दों पर समग्र रूप से विचार कर रहा है और संबंधित हितधारकों के साथ बातचीत कर रहा है।
उन्होंने कहा, “हम निर्यातकों की इन चिंताओं का समाधान खोजने के लिए बैंकिंग प्रणाली और ईसीजीसी (निर्यात ऋण गारंटी निगम) के साथ लगातार काम कर रहे हैं।”
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अनुसार, मार्च 2022 (2,27,452 करोड़ रुपये) और मार्च 2024 (2,17,406 करोड़ रुपये) के बीच निर्यात ऋण में पांच प्रतिशत की गिरावट आई है।
भाषा अनुराग पाण्डेय
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