नयी दिल्ली, 26 जुलाई (भाषा) आईटीसी के चेयरमैन संजीव पुरी ने शुक्रवार को कहा कि उनका समूह मध्यम अवधि में संरचनात्मक प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने और भविष्य के लिए एक उद्यम बनाने पर 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा।
पुरी ने कंपनी की सालाना आम बैठक (एजीएम) में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘भारत में हमारा अटूट विश्वास है और यह मध्यम अवधि में कंपनी के लगभग 20,000 करोड़ रुपये के निवेश परिव्यय में परिलक्षित होता है।’
उन्होंने कहा कि प्रतिकूल हालात के बावजूद आईटीसी ने संरचनात्मक प्रतिस्पर्धा की क्षमता बढ़ाने और भविष्य का उद्यम बनाने के लिए अपने सभी कारोबारों में निवेश किया है।
पुरी ने कहा कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में भारत का प्रदर्शन ‘उत्कृष्ट’ रहा है, जिसने न केवल वैश्विक प्रतिष्ठा हासिल की है बल्कि इसके भविष्य की संभावनाओं की तरफ भी इशारा किया है।
पिछले चार वर्षों में आईटीसी का कुल राजस्व 10.8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ लगभग 79,000 करोड़ रुपये हो गया है। आईटीसी का गैर-सिगरेट कारोबार राजस्व 11.6 प्रतिशत की दर से बढ़ा और अब यह शुद्ध राजस्व का लगभग 65 प्रतिशत है। महामारी के दौरान बुरी तरह प्रभावित रहे होटल और सिगरेट कारोबारों में भी पुनरुद्धार हुआ है।
आईटीसी चेयरमैन ने कहा, ‘पिछले दो वर्षों में सिगरेट कारोबार का राजस्व और परिणाम में लगभग 13.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई है और मात्रा महामारी-पूर्व स्तर को पार कर गई है।’
उन्होंने कहा कि लगातार प्रतिकूल परिस्थितियों के दौर के बाद होटल व्यवसाय भी संरचनात्मक रूप से मजबूत होकर उभरा है और वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 3,000 करोड़ रुपये का राजस्व और कर-पूर्व आय (एबिटा) 1,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गयी।
इसके अलावा, आईटीसी के विश्व स्तरीय ब्रांडों की बढ़ती प्रतिस्पर्धात्मकता ने उसे 100 से अधिक बाजारों में उत्पादों और सेवाओं को पहुंचाने में सक्षम बनाया है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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