(बरुण झा)
दावोस, 22 जनवरी (भाषा) दुनिया भर के नेताओं ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक में अपने विचार-विमर्श को जारी रखते हुए नए सिरे से वैश्विक सहयोग का आह्वान किया है। बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितता के युग में उन्होंने अधिक सहयोग के लिए नए रास्ते की आवश्यकता की भी बात कही।
अनिश्चितता की इस दौर में सहयोग व संवाद प्रमुख विषय बनकर उभरे, विशेष रूप से यूरोपीय नेताओं के बीच नई वैश्विक साझेदारियों और भू-रणनीतिक स्थिति के साथ सामंजस्य स्थापित करने की मांग आम रही।
वैश्विक नेताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए डब्ल्यूईएफ के संस्थापक एवं चेयरमैन क्लॉस श्वाब ने कहा, ‘‘औद्योगिक युग से बौद्धिक युग की ओर यह बदलाव तेजी से हो रहा है। यह मानवता के लिए काफी जोखिम लेकर आ रहा है, क्योंकि हम अभी इसकी जटिलताओं से निपटने की तैयारी तथा उसके साथ सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश ही कर रहे हैं।’’
श्वाब ने वैश्विक समुदाय से इस क्षण में ‘रचनात्मक आशावाद’ के साथ आगे आने का आह्वान किया तथा सरकार, व्यवसाय, नागरिक समाज और शिक्षा जगत सहित सभी क्षेत्रों के हितधारकों से साझा चुनौतियों का समाधान तलाशने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया।
विश्व आर्थिक मंच के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बोर्गे ब्रेंडे ने मौजूदा समय को ‘पीढ़ियों में सबसे अनिश्चित भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक क्षणों में से एक’ के रूप में वर्णित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि विश्व एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है और 2025 इसके लिए काफी हद तक निर्णायक होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ पिछले तीन दशकों से जारी दीर्घकालिक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था समाप्त हो गई है। हमें साथ मिलकर काम करने के लिए और अधिक प्रभावी तरीके खोजने की जरूरत है। यही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।’’
स्विट्जरलैंड की राष्ट्रपति कैरिन केलर-सटर ने कहा कि इस अशांत समय में लोकतांत्रिक और उदार मूल्य स्थिरता व प्रगति के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शक के रूप में काम करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ केवल स्थिर संस्थाओं वाला देश ही ऐसा अच्छा महौल बना सकता है, जहां हर कोई अपनी क्षमता का एहसास कर सके और देश को नियमों के साथ इस स्वतंत्रता की रक्षा करनी चाहिए।’’
बदलती विश्व व्यवस्था पर विचार करते हुए यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाकर, वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने और सतत विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखते हुए ‘कठोर भू-रणनीतिक प्रतिस्पर्धा’ के एक नए युग के अनुकूल बनने की यूरोप की योजना को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘शताब्दी की अगली तिमाही में हमारी वृद्धि को बनाए रखने के लिए यूरोप को अपनी दिशा बदलनी होगी। ’’
लेयेन ने कहा, ‘‘हमें किसी भी चीज को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हमें नए अवसरों की तलाश करनी चाहिए…यह गुटबाजी और वर्जनाओं से परे जाकर काम करने का समय है। यूरोप बदलाव के लिए तैयार है।’’
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने वैश्विक चुनौतियों के मद्देनजर सुरक्षा और समृद्धि के लिए नए सिरे से प्रतिबद्धता का आह्वान किया तथा इस बात पर बल दिया कि साझेदारियां ‘सफल आर्थिक वृद्धि के इंजन’ के रूप में काम करती हैं।
उन्होंने घरेलू वृद्धि को मजबूत करने के लिए जर्मनी के सार्वजनिक ऋण विनियमों में सुधार की योजनाओं का भी उल्लेख किया और यूरोप की रक्षा क्षमताओं तथा औद्योगिक आधार को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच चीन के उप प्रधानमंत्री डिंग शुएशांग ने वैश्विक आर्थिक प्रणाली के बढ़ते विखंडन तथा बढ़ते संरक्षणवाद के खिलाफ आगाह किया तथा इस बात पर जोर दिया कि ‘‘ व्यापार युद्ध में कोई विजेता नहीं होता।’’
उन्होंने सार्वभौमिक रूप से लाभकारी वैश्वीकरण प्रक्रिया की वकालत की, संयुक्त राष्ट्र-केंद्रित बहुपक्षीय व्यवस्था के प्रति चीन की प्रतिबद्धता की पुष्टि की तथा सभी देशों के लिए समान प्रगति सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिक व प्रौद्योगिकी नवाचार में अधिक सहयोग का आह्वान किया।
वियतनाम के प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने कृत्रिम मेधा (एआई) का लाभ उठाने के लिए देश की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा लक्ष्य विशेष रूप से उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास केंद्रों की स्थापना को प्राथमिकता देना है। ये प्रयास न केवल प्रौद्योगिकी नवाचार को बढ़ावा देंगे, बल्कि वियतनाम को इस क्षेत्र में उच्च प्रौद्योगिकी विनिर्माण और विकास के केंद्र के रूप में भी स्थापित करेंगे।’’
हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के जी-20 की अध्यक्षता संभालने के बाद राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए अफ्रीका के उद्देश्यों का जिक्र किया। जी-20 शिखर सम्मेलन नवंबर 2025 में जोहान्सबर्ग में आयोजित किया जाएगा। यह अफ्रीका में आयोजित होने वाला पहला शिखर सम्मेलन होगा।
उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका अपनी जी-20 अध्यक्षता तीन विषयों एकजुटता, समानता और सतत विकास पर केंद्रित करेगा।
वहीं इजराइल के राष्ट्रपति इसाक हरजोग ने हाल ही में हुए युद्ध विराम तथा तीन बंधकों की रिहाई का स्वागत किया, लेकिन अनावश्यक आशावाद के प्रति आगाह भी किया।
रामफोसा ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट और सतर्क रहना चाहता हूं… अवसर तो हैं, लेकिन जोखिम भी हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसा दोबारा न हो।’’
भाषा निहारिका रमण
रमण