मुंबई, 18 अक्टूबर (भाषा) धातु और खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वेदांता ओडिशा में एल्युमिना रिफाइनरी और एल्युमीनियम संयंत्र स्थापित करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। वेदांता ने शुक्रवार को यह घोषणा की।
अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाले समूह ने पहले ही राज्य में विभिन्न परिसंपत्तियों में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
वेदांता ने एक बयान में कहा कि नया निवेश 60 लाख टन प्रति वर्ष एल्युमिना रिफाइनरी और 30 लाख टन प्रति वर्ष हरित एल्युमिनियम संयंत्र स्थापित करने में किया जाएगा।
इससे राज्य में दो लाख नौकरियां पैदा होंगी और ओडिशा को 2030 तक 500 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने मुंबई में ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से मुलाकात की। माझी जनवरी, 2025 में ओडिशा में होने वाले निवेशक सम्मेलन से पहले शनिवार को होने वाले ‘रोड शो’ के लिए मुंबई में हैं।
नई निवेश प्रतिबद्धता पर टिप्पणी करते हुए अग्रवाल ने कहा कि ओडिशा ने हमेशा वेदांता की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने राज्य में बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता दोहरायी।
बयान में कहा गया है कि नए निवेश से स्मेल्टिंग और कास्टिंग जैसे उद्योगों के लिए ‘विशाल औद्योगिक परिसर’ का निर्माण होगा। साथ ही वाहन, बिजली, निर्माण और रेलवे क्षेत्रों सहित एल्युमीनियम के कई उपयोग हैं।
बयान के अनुसार, भविष्य में एल्युमीनियम की मांग 2030 तक दोगुनी होने की संभावना है।
वेदांता ने कहा कि उनका मानना है कि रायगढ़ ओडिशा का सबसे विकसित क्षेत्र होगा, जो नए झारसुगुड़ा की तरह होगा।
इसके अलावा, कंपनी ओडिशा सरकार के साथ मिलकर राज्य में शिक्षा केंद्र, अस्पताल, कौशल विकास केंद्र और ‘प्ले स्कूल’ भी खोलेगी।
माना जा रहा है कि मुंबई की यात्रा के दौरान माझी ने जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल और गोदरेज इंडस्ट्रीज के नादिर गोदरेज से द्विपक्षीय मुलाकात की।
भाषा अनुराग रमण
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