अमेरिकी शुल्क की चिंताओं से विदेशी बाजारों में गिरावट, सभी तेल-तिलहन कीमतें धराशायी

अमेरिकी शुल्क की चिंताओं से विदेशी बाजारों में गिरावट, सभी तेल-तिलहन कीमतें धराशायी

अमेरिकी शुल्क की चिंताओं से विदेशी बाजारों में गिरावट, सभी तेल-तिलहन कीमतें धराशायी
Modified Date: April 4, 2025 / 09:37 pm IST
Published Date: April 4, 2025 9:37 pm IST

नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) अमेरिका के भारत पर जवाबी शुल्क लगाने से तेल-तिलहन बाजार भी अछूता नहीं है और इसकी वजह से विशेष रूप से मलेशिया का पाम-पामोलीन का निर्यात गंभीर रूप से प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है।

शुल्क वृद्धि से पैदा हुई उथल-पुथल के बीच मलेशिया और शिकॉगो एक्सचेंज में जबर्दस्त गिरावट आई और देश के तेल-तिलहन बाजार में शुक्रवार को लगभग सभी तेल-तिलहन (सरसों, मूंगफली एवं सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल) के दाम औंधे मुंह लुढ़कते नजर आए।

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मलेशिया एक्सचेंज दोपहर को भारी गिरावट के साथ बंद हुआ। वहां पाम-पामोलीन उत्पादन बढ़ने का समय चल रहा है और दाम अधिक होने से निर्यात पहले से ही काफी कम है। अमेरिका के जवाबी शुल्क लगाने से खासकर मलेशिया का पाम-पामोलीन निर्यात गंभीर रूप से प्रभावित होने की आशंका है। दाम ऊंचा होने से वहां निर्यात पहले ही घट रहा है और वहां उत्पादन बढ़ने का समय चल रहा है। इस परिस्थिति के बीच मलेशिया में खाद्यतेल कीमतों में जबर्दस्त गिरावट देखी गई। वहीं शिकागो एक्सचेंज में भी 4.5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सरकार को स्थिति संभालने के लिए कोई माकूल रास्ता ढूंढ़ना होगा और मौजूदा समस्या का हल निकालने पर विशेष ध्यान देना होगा।

सोयाबीन और मूंगफली की बुवाई का समय नजदीक है और हाजिर बाजार में सोयाबीन का दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से लगभग 12 प्रतिशत नीचे है। मूंगफली का हाजिर दाम एमएसपी से 15-16 प्रतिशत नीचे है। सरसों का हाजिर दाम भी तीन-चार प्रतिशत नीचे चला गया। ऐन बुवाई के समय अगर किसानों को ऐसी स्थिति का सामना करना होगा तो उनके पास दूसरी फसल का रुख करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। ऐसा होने पर देश का तेल-तिलहन के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने का उद्देश्य दूर का सपना बन सकता है।

सूत्रों ने कहा कि मंडियों में सरसों की आवक, सामान्य के मुकाबले काफी कम होने के बावजूद सरसों के दाम टूट गए। सरकार को अगर महंगाई की चिंता है तो उसे पहले खुदरा बाजार दुरुस्त करने की ओर ध्यान देना चाहिये। थोक बाजार में मूंगफली का दाम एमएसपी से काफी नीचा है लेकिन खुदरा बाजार में उसके तेल का दाम आसमान छू रहा है।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,250-6,350 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,700-6,075 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,200 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,235-2,535 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,350-2,450 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,350-2,475 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,700 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,600 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,100 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 13,100 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,475-4,525 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,175-4,225 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश प्रेम

प्रेम


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