बाइडन ने वैश्विक कंपनियों पर नए कर ढ़ाचे पर जी-7 को राजी किया, अमरीकी संसद होगी चुनौती

बाइडन ने वैश्विक कंपनियों पर नए कर ढ़ाचे पर जी-7 को राजी किया, अमरीकी संसद होगी चुनौती

बाइडन ने वैश्विक कंपनियों पर नए कर ढ़ाचे पर जी-7 को राजी किया, अमरीकी संसद  होगी चुनौती
Modified Date: November 29, 2022 / 08:52 pm IST
Published Date: June 12, 2021 8:56 am IST

वाशिंगटन, 12 जून (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भले ही दुनिया की कुछ सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को कंपनियों पर कर बढ़ाने के लिए राजी कर लिया हो लेकिन उनके लिए अमेरिकी संसद को इसके लिए राजी करना कहीं बड़ी चुनौती बन सकता है।

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने शुक्रवार को कहा कि जी 7 समूह देशों के नेता बड़ी कंपनियों पर कम से कम 15 प्रतिशत वैश्विक कर लगाने के बाइडन के प्रस्ताव से सहमत हैं। जी 7 समूह देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, इटली और जापान शामिल हैं।

जी 7 समूह के नेता इंग्लैंड में तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। समूह के नेताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके वित्त मंत्रियों ने इस महीने की शुरुआत में न्यूनतम वैश्विक कर का समर्थन किया है। राष्ट्रपति बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने शुक्रवार को ट्विटर पर कहा, ‘‘अमेरिका बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों से न्यायोचित कर का भुगतान कराने के लिए दुनिया के देशों को एकजुट कर रहा है ताकि हम अपने अपने देश के मध्यवर्ग के लिए निवेश कर सके।’’

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कर नीति केंद्र में वरिष्ठ शोधार्थी थॉर्नटन मैथेसन ने कहा, ‘‘इसमें (प्रस्तावि नयी कर व्यवस्था में) कंपनी कर की दरों की कटौती के मामले में विश्वस्तार पर चल रही होड़ को खत्म करने की क्षमता दिखती है।’’ इस होड़ के चलते कंपनियां अपना अधिकांश लाभ ऐसे देश में दिखाती है जहां कर की दर सबसे कम होती है।

विश्वस्तर पर एक न्यूनतम कर लागू होने से कर से बचने के लिए पनाहगाह ढूंढने के रुझान पर अंकुश लगेगा।

अमेरिकी जैनेट येलेन ने इसी महीने के शुरू में जी7 के वित्त मंत्रियों के साथ मिल कर नए कर समझौते की रूपरेखा तैयार की है।

एपी सुरभि मनोहर

मनोहर


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