अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के ब्याज दर में कटौती का भारत पर असर कम रहेगा: सीईए

अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के ब्याज दर में कटौती का भारत पर असर कम रहेगा: सीईए

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  • Publish Date - September 19, 2024 / 01:47 PM IST,
    Updated On - September 19, 2024 / 01:47 PM IST

नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के ब्याज दर में कटौती के कदम का भारत पर असर कम ही होगा।

उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजार पहले से ही निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। कुल मिलाकर ब्याज दरों में कटौती उभरते बाजारों के लिए सकारात्मक है।

नागेश्वरन ने डेलॉयट के ‘गवर्नमेंट समिट’ 2024 में कहा, ‘‘ भारत पर इसका असर थोड़ा कम होगा… इसका अधिकतर हिस्सा (दर कटौती) मूल्य आधारित होगा।’’

गौरतलब है कि अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने संघीय निधि दर लक्ष्य सीमा को 50 आधार अंकों से घटाकर 5.25-5.50 प्रतिशत से 4.75-5.00 प्रतिशत करने के लिए मतदान किया, जबकि इससे आधी कटौती की अपेक्षा की गई थी।

इससे पहले आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के ब्याज दर में कटौती का भारत में विदेशी निवेश पर कोई महत्वपूर्ण असर पड़ने की संभावना नहीं है।

उन्होंने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने वही किया है जो उसे दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए उसे सही लगता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों में कटौती का फैसला करेगा।

सेठ ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ यह भारतीय अर्थव्यवस्था सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है। यह उच्च स्तर से 50 आधार अंकों की कटौती है। मुझे नहीं लगता कि इससे निवेश पर कोई खास असर पड़ेगा। हमें यह देखना होगा कि (अमेरिकी ब्याज दरों का) स्तर कहां हैं। हमें यह भी देखना होगा कि अन्य अर्थव्यवस्थाओं के बाजार किस तरह का व्यवहार करते हैं।’’

भाषा निहारिका

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