अमेरिका, यूरोप दवा फॉर्मूलेशन, सर्जिकल सामान के लिए प्रमुख निर्यात गंतव्य

अमेरिका, यूरोप दवा फॉर्मूलेशन, सर्जिकल सामान के लिए प्रमुख निर्यात गंतव्य

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  • Publish Date - October 17, 2024 / 06:54 PM IST,
    Updated On - October 17, 2024 / 06:54 PM IST

नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) नवोन्मेषण, क्षमता विस्तार और प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण से प्रेरित होकर देश के फार्मा क्षेत्र में सर्जिकल सामान, दवा निर्माण और जैविक उत्पादों का निर्यात अमेरिका और यूरोप के विकसित बाजारों में महत्वपूर्ण पैठ बना रहा है।

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान इन वस्तुओं के निर्यात में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है।

आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 के पहले पांच महीनों के दौरान सर्जिकल (चिकित्सकीय सामानों) सामान का निर्यात 3.3 प्रतिशत बढ़कर 29 करोड़ डॉलर का हो गया है। इसी तरह इस अवधि के दौरान दवा फार्मूलेशन (दवाओं में इस्तेमाल होने वाली सामग्री) और जैविक उत्पादों की निर्यात खेप 10.8 प्रतिशत बढ़कर 9.42 अरब डॉलर पर पहुंच गई है।

एक अधिकारी ने कहा कि यह निरंतर वृद्धि, वैश्विक बाजारों में इन उत्पादों के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की बढ़ती विश्वसनीयता को दर्शाता है।

अमेरिका सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बना हुआ है, जहां कुल निर्यात में 39.2 प्रतिशत का हिस्सा है, जिसका मूल्य 3.69 अरब डॉलर है। यह अमेरिकी बाजार में जेनेरिक और जीवन रक्षक दवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने में देश की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।

ब्रिटेन 3.4 प्रतिशत निर्यात के साथ दूसरे स्थान पर है, जिसका मूल्य 31.62 करोड़ डॉलर है, जबकि दक्षिण अफ्रीका का 2.8 प्रतिशत निर्यात 26.83 करोड़ डॉलर का है। इन देशों के बाद फ्रांस (2.6 प्रतिशत) और कनाडा (2.1 प्रतिशत) का स्थान है, जिनका निर्यात अप्रैल-अगस्त 2024 के दौरान क्रमशः 24.29 करोड़ डॉलर और 19.70 करोड़ डॉलर था।

पश्चिम एशिया में, इस वित्तवर्ष के पहले पांच महीनों के दौरान इराक को भारत का निर्यात लगभग दोगुना होकर 4.35 करोड़ डॉलर से 8.65 करोड़ डॉलर हो गया।

इसी तरह, भारत के सर्जिकल निर्यात में पिछले पांच वर्षों में लगातार वृद्धि देखी गई है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय