किसानों, कृषि क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा ‘यूपी एग्रीज’: योगी आदित्यनाथ

किसानों, कृषि क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा 'यूपी एग्रीज': योगी आदित्यनाथ

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  • Publish Date - January 28, 2025 / 03:21 PM IST,
    Updated On - January 28, 2025 / 03:21 PM IST

लखनऊ, 28 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड एंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग (यूपी एग्रीज) किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित एक समारोह में यूपी एग्रीज परियोजना की शुरुआत की।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा, ”उत्तर प्रदेश गेहूं, आलू, आम, अमरूद, मटर, मशरूम, तरबूज और शहद आदि के उत्पादन में देश में शीर्ष पर है।”

योगी ने कहा कि देश के सब्जी उत्पादन में 15 प्रतिशत और फल उत्पादन में 11 प्रतिशत हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में देश की करीब 17 प्रतिशत जनसंख्या रहती है, वहीं खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश का योगदान 23 प्रतिशत से अधिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के खाद्यान्न निर्यात में उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है। ऐसे में यूपी एग्रीज परियोजना प्रदेश के निर्यात की संभावनाओं को आगे ले जाने में मील का पत्थर साबित होगी।

उन्होंने कहा कि यह किसानों और कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए अच्छी शुरुआत है। चार हजार करोड़ रुपये की यूपी एग्रीज परियोजना के लिए 2,737 करोड़ रुपये का ऋण विश्व बैंक से मिला है, जबकि राज्य सरकार ने 1,166 करोड़ रुपये का अंशदान किया है।

परियोजना का मुख्य उद्देश्य कृषि और उससे संबंधित क्षेत्र को चिन्हित करना, प्रमुख फसलों की उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि, विशिष्ट कृषि उत्पादों को बढ़ावा देना, फसल तैयार होने के बाद प्रबंधन और बाजार समर्थन प्रणाली को विकसित करना है।

इसके पहले चरण में राज्य के आठ संभागों (कमिश्नरी) के 28 जनपद चुने गये हैं। यह परियोजना छह वर्ष की होगी। इसकी शुरुआत 2024-25 से होगी और यह 2029-30 तक चलेगी।

आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश समग्र विकास के नए प्रतिमान स्थापित कर रहा है। इनमें कृषि और उससे संबंधित क्षेत्र की प्रगति स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है। यह कार्यक्रम उसी अभियान का एक हिस्सा है।

भाषा आनन्द नरेश पाण्डेय

पाण्डेय