(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जर्मन कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि यह एक विश्वसनीय साझेदार है जो राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है।
बृहस्पतिवार शाम स्टटगार्ट में ‘टीवी9 ग्लोबल समिट’ को संबोधित करते हुए वैष्णव ने कहा कि भारत लगातार छह से आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहा है और आने वाले कई वर्षों तक इस गति को जारी रखने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, “अपनी आपूर्ति शृंखला में भारत को शामिल करने पर विचार करें। भारत में लगभग हर क्षेत्र में 1,800 से अधिक वैश्विक क्षमता केंद्र हैं। हम आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) में विश्व-प्रसिद्ध क्षमताओं के साथ प्रतिभाओं का एक विशाल पूल प्रदान करते हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार की सफलता इस तथ्य में झलकती है कि अच्छी अर्थव्यवस्था अच्छी राजनीति भी बना सकती है। जबकि कई लोकतांत्रिक देशों को उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है, भारत एक भरोसेमंद भागीदार बना हुआ है, जो राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता, दोनों प्रदान करता है।”
वैष्णव ने कहा कि भारत का बहीखाता बहुत अच्छा है, कर्ज जीडीपी का 57 प्रतिशत है, जो अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में देखे गए कर्ज के स्तर से काफी कम है।
उन्होंने कहा, “यह सफलता कोई संयोग नहीं है। यह एक स्पष्ट, सुविचारित रणनीति और सावधानीपूर्वक क्रियान्वयन का परिणाम है।”
मंत्री ने कहा कि भारत की वृद्धि रणनीति भौतिक, सामाजिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश के चार स्तंभों- बड़ी संख्या में समावेशी वृद्धि कार्यक्रम; विनिर्माण और नवाचार पर ध्यान और कानूनी और अनुपालन संरचनाओं का सरलीकरण पर आधारित है।
वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के दृष्टिकोण में विश्वास करती है और उसने 1,500 से अधिक पुराने कानूनों को निरस्त कर दिया है और 40,000 अनावश्यक अनुपालन आवश्यकताओं को हटा दिया है।
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