(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को भारतीय नागर विमानन क्षेत्र की वृद्धि संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना ‘उड़ान’ के साथ हवाई यात्रा अब समावेशी और किफायती हो गई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां नागर विमानन पर दूसरे एशिया-प्रशांत मंत्री-स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए लाई गई ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत 1.4 करोड़ लोग हवाई यात्रा कर चुके हैं। इसने निम्न मध्यम वर्ग एवं छोटे शहरों के लोगों का भी उड़ान भरने का सपना पूरा किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश का बढ़ता मध्यम वर्ग और उनसे पैदा हो रही मांग नागर विमानन क्षेत्र के लिए प्रेरक शक्ति है और उड़ान योजना ने हवाई यात्रा को समावेशी एवं किफायती बनाने का काम किया है।
उन्होंने सम्मेलन में मौजूद प्रतिनिधियों को ‘उड़ान’ योजना की सफलता के बारे में अध्ययन करने का सुझाव भी दिया।
उन्होंने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विमानन के जरिये ‘अवसरों का नेटवर्क’ तैयार करने का जिक्र करते हुए कहा कि इससे आर्थिक वृद्धि को रफ्तार मिलेगी, नवोन्मेषण बढ़ेगा और शांति एवं समृद्धि बढ़ेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘विमानन के भविष्य को आकार देना हमारी साझा प्रतिबद्धता है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने हवाई संपर्क के जरिये अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सर्किट बनाने का सुझाव देते हुए कहा कि इससे क्षेत्र के देशों एवं उनके नागरिकों को लाभ होगा। इसके साथ ही उन्होंने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पेशेवरों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हवाई मार्गों के संदर्भ में एक विस्तृत नजरिया अपनाने की भी बात कही।
उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि आसमान सभी के लिए खुला रहे और लोगों का उड़ान भरने का सपना पूरा हो सके। उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र आर्थिक वृद्धि में प्रमुख भूमिका निभाता है और इसमें तमाम नौकरियां पैदा होती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बढ़ता मध्यम वर्ग और उनके द्वारा सृजित मांग विमानन क्षेत्र के लिए प्रेरक शक्ति है। भारतीय एयरलाइंस अपने बेड़े और नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं और देश को वैश्विक विमानन केंद्र बनाने के लिए पहल की जा रही है।
उन्होंने देश को अग्रणी नागर विमानन बाजारों में से एक बताते हुए कहा कि भारत सबसे अधिक हवाई संपर्क वाले देशों में से एक बन जाएगा और इसे वैश्विक विमानन केंद्र बनाने के प्रयास भी जारी हैं।
मोदी ने कहा कि यह क्षेत्र अत्यधिक कुशल नौकरियां पैदा करता है। उन्होंने विमानन क्षेत्र के विकास में महिलाओं के नेतृत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में 15 प्रतिशत पायलट महिलाएं हैं, जबकि वैश्विक औसत पांच प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि सरकार देश को उन्नत हवाई परिवहन के लिए तैयार कर रही है और जल्द ही हवाई टैक्सी एक हकीकत बन जाएगी।
प्रधानमंत्री ने इस दो-दिन के सम्मेलन के समापन पर दिल्ली घोषणापत्र की भी घोषणा की। बुधवार को शुरू हुए इस सम्मेलन में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के परिवहन और विमानन मंत्री, नियामकीय निकाय और उद्योग विशेषज्ञ एकत्र हुए। सम्मेलन में 29 देशों के लगभग 300 प्रतिनिधि शामिल हुए।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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