नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हो रही है और उनमें वैश्विक स्तर पर मौजूदा परिवेश को नया रूप देने की क्षमता है, जिसका वैश्विक अर्थव्यवस्था और व्यापार पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
बिड़ला ने 2024-25 को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए लिखा है कि विनिर्माण के लिए वैश्विक स्तर पर नए सिरे से कदम एक स्वागतयोग्य बदलाव है। यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में अधिक मजबूती और विविधीकरण की ओर एक कदम का संकेत है। भारत को अक्सर अपनी औद्योगिक क्षमताओं के लिए कम सराहा जाता है, लेकिन वह इस क्षण का लाभ उठाने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि 2025 में, हमारा यू3 दुनिया यानी अनिश्चितता, अप्रत्याशित और अपरंपरागत दुनिया से सामना होगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि हम एक अनिश्चित दुनिया को गले लगाएंगे लेकिन उससे कोई लड़ाई नहीं होगी।’’
बिड़ला ने कहा, ‘‘…यह बदलाव हमारे युग के विरोधाभास को अच्छी तरह से परिभाषित कर सकता है कि दुनिया संभावनाओं से भरी है लेकिन अस्पष्टता से घिरी हुई है।’’
कभी-कभी, ऐसा महसूस हो सकता है कि सोशल मीडिया पर नई दुनिया को आकार दिया जा रहा है। हालांकि, वास्तविकता रील की तुलना में कहीं अधिक जटिल और परिणामी है।
बिड़ला ने कहा, ‘‘एक चीज इस साल को प्रभावित कर सकती है, वह वह ‘टी फैक्टर यानी द ट्रंप फैक्टर।’
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें वैश्विक स्तर पर मौजूदा स्थिति को नया रूप देने की क्षमता है, जिसका वैश्विक अर्थव्यवस्था और व्यापार पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।’’
बिड़ला ने कहा कि अमेरिका लंबे समय से भारत के बाहर आदित्य बिड़ला समूह के लिए सबसे महत्वपूर्ण बाजार रहा है। इसमें 15 अरब डॉलर से अधिक का निवेश शामिल है, जिसमें वर्तमान में चार अरब डॉलर की नई परियोजना का विस्तार भी जुड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि भारत-अमेरिकी संबंधों की जो ताकत है, उससे आने वाले वर्षों में रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे।’’
बिड़ला ने कहा कि विनिर्माण के लिए नए सिरे से वैश्विक कदम एक स्वागतयोग्य बदलाव है। यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में अधिक मजबूती और विविधीकरण की दिशा में एक कदम का संकेत है।
बिड़ला ने कहा, ‘‘भारत को अक्सर औद्योगिक क्षमताओं के लिए कम सराहा गया है। लेकिन हमारा देश इस क्षण का लाभ उठाने के लिए तैयार है। एप्पल का भारत में आना इस बदलाव का प्रतीक है; जल्द ही, दुनिया के एक-चौथाई आईफोन भारत में बनाए जा सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि भारत का वाहन परिवेश भी एक वैश्विक केंद्र के रूप में परिपक्व हो गया है। यहां से अब दुनिया भर के बाजारों में कलपुर्जों और वाहनों का निर्यात किया जा रहा है।
भारत के सीमेंट उद्योग की बात की जाए तो यह दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उद्योग है। इस क्षेत्र ने शहरों से लेकर गांवों तक भारत के बुनियादी ढांचे के साथ आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया है और नौकरियां सृजित की हैं।
बिड़ला ने कहा, ‘‘अल्ट्राटेक आज अमेरिका के कुल सीमेंट उत्पादन का 1.5 गुना से अधिक उत्पादन करती है और यूरोप की कुल क्षमता का 80 प्रतिशत से अधिक की क्षमता कंपनी के पास है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए, यह भारत की बढ़ती औद्योगिक ताकत और वैश्विक विनिर्माण पुनर्जागरण में एक महत्वपूर्ण इकाई के रूप में उभरने का प्रतीक है।’’
भाषा रमण अजय
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