नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) दिवाला न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने कहा कि दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) भारतीय दूरसंचार सेवा नियामक प्राधिकरण (ट्राई) अधिनियम के प्रावधानों पर प्रभावी होगी।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (एनसीएलएटी) ने बंद हो चुकी सेवा प्रदाता कंपनी आरकॉम की दिवाला कार्यवाही में समाधान पेशेवर द्वारा कंपनी के ग्राहकों के शेष परिचालन ऋण के रूप में वर्गीकृत करने के खिलाफ दूरसंचार नियामक ट्राई की याचिका को खारिज कर दिया।
एनसीएलएटी ने ट्राई द्वारा दायर उस दूसरी याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें उसने आरकॉम के समाधान पेशेवर को 85.10 लाख रुपये के वैधानिक बकाये के भुगतान के लिए निर्देश देने की मांग की थी।
एनसीएलएटी की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, ‘‘ अपीलकर्ता (ट्राई) का यह तर्क कि अधिनियम एक विशेष कानून होने के कारण आईबीसी के प्रावधानों पर प्रभावी होगा, स्वीकार नहीं किया जा सकता।’’
उसने कहा, ‘‘ उच्चतम न्यायालय ने पहले ही माना है कि आईबीसी की धारा 238 का किसी भी अन्य कानून से अधिक असर है। इसलिए, आईबीसी ट्राई अधिनियम के प्रावधानों पर प्रभावी रहेगा।’
पीठ में चेयरपर्सन न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी शामिल थे।
एरिक्सन इंडिया की ओर से दायर अपील पर गौर किए जाने के बाद से आरकॉम मई 2018 से कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) से गुजर रही है।
भाषा निहारिका मनीषा
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