नई दिल्लीः Compensation on Weak Network दूरसंचार नियामक ट्राई ने शुक्रवार को नए सेवा गुणवत्ता मानकों को जारी किया जिसमें दूरसंचार कंपनियों को जिला स्तर पर 24 घंटे से अधिक समय तक सेवा बाधित रहने पर ग्राहकों को मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नए नियमों के तहत प्रत्येक गुणवत्ता मानक को पूरा करने में विफल रहने पर दंडात्मक राशि को 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है।
Compensation on Weak Network नियामक ने संशोधित नियमों ”पहुंच (वायरलाइन और वायरलेस) और ब्रॉडबैंड (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा गुणवत्ता मानक विनियम, 2024” के तहत नियम उल्लंघन के विभिन्न पैमानों के लिए एक लाख रुपये, दो लाख रुपये, पांच लाख रुपये और 10 लाख रुपये की श्रेणीबद्ध जुर्माना प्रणाली शुरू की है। नए मानदंड तीन अलग-अलग विनियमों – बेसिक तथा सेल्युलर मोबाइल सेवाओं, ब्रॉडबैंड सेवाओं, और ब्रॉडबैंड वायरलेस सेवाओं के लिए सेवा की गुणवत्ता का स्थान लेते हैं। नए नियमों के मुताबिक, किसी जिले में नेटवर्क बाधित होने की स्थिति में दूरसंचार परिचालकों को पोस्टपेड ग्राहकों के लिए किराए में छूट देनी होगी जबकि प्रीपेड ग्राहकों के लिए कनेक्शन की वैधता बढ़ानी होगी।
ट्राई ने कहा, ”यदि कोई ऐसी नेटवर्क गतिरोध 24 घंटे से अधिक समय तक जारी रहता है, तो सेवा प्रदाता अगले बिल में उसे जिले के पंजीकृत ग्राहकों को छूट देगा।” नियामक किराये में छूट या वैधता के विस्तार की गणना के लिए कैलेंडर दिवस में 12 घंटे से अधिक की नेटवर्क बाधा अवधि को एक पूर्ण दिन के रूप में गिनेगा। हालांकि, प्राकृतिक आपदा के कारण दूरसंचार सेवाएं बाधित होने की स्थिति में यह राहत नहीं मिलेगी।