बेंगलुरु, 11 दिसंबर (भाषा) वाहन विनिर्माता टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने वाहनों पर कराधान को पेट्रोल-डीजल की खपत कम करने, कार्बन कटौती और ‘मेक इन इंडिया’ के राष्ट्रीय लक्ष्यों पर केंद्रित किए जाने का सुझाव देते हुए कहा है कि प्रोत्साहन केवल एक विशिष्ट प्रौद्योगिकी के लिए ही आरक्षित नहीं होना चाहिए।
टीकेएम के कार्यकारी उपाध्यक्ष और भारतीय कारोबार प्रमुख विक्रम गुलाटी ने बुधवार को लक्जरी कार ‘कैमरी हाइब्रिड’ का नया संस्करण पेश किए जाने के बाद पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में हाइब्रिड वाहनों को भी कर प्रोत्साहन दिए जाने की मांग रखी।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में भारत के सफर में हाइब्रिड प्रौद्योगिकी की भी एक भूमिका है और यह अन्य प्रौद्योगिकियों के साथ मिलकर राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगी।
गुलाटी ने कहा कि ऐसी स्थिति में हाइब्रिड प्रौद्योगिकी पर आधारित वाहनों को भी आनुपातिक तरीके से कर प्रोत्साहन देने पर विचार किया जाना चाहिए।
पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों पर फिलहाल 28 प्रतिशत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है। इसके अलावा वाहन किस्मों के आधार पर उन पर अलग से एक से 22 प्रतिशत तक उपकर भी लगता है।
वहीं पूर्ण इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच प्रतिशत और हाइड्रोजन-चालित वाहनों पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है।
गुलाटी ने हाइब्रिड वाहनों के लिए प्रोत्साहन का कुछ कंपनियों द्वारा किए जा रहे विरोध के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मूल प्रौद्योगिकी होने के कारण हाइब्रिड वाहन पेट्रोल-डीजल की खपत को कम करने में भूमिका निभा रहे हैं।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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