Today Petrol Price Latest Oil companies no longer lose losses petrol, LPG

अगले महीने कम हो सकता है पेट्रोल-गैस का दाम, जानिए कैसे होगा कीमतों में कमी

अगले महीने कम हो सकता है पेट्रोल-गैस का दाम! Today Petrol Price Latest Oil companies no longer lose losses petrol, LPG

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:48 PM IST
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Published Date: August 29, 2022 10:00 pm IST

नयी दिल्ली: Today Petrol Price Latest अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम में गिरावट आने से भारतीय ईंधन वितरक कंपनियां पेट्रोल और रसोई गैस में अपनी लागत की भरपाई करने की स्थिति में पहुंच गई हैं लेकिन डीजल की बिक्री पर उन्हें अब भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अरुण कुमार सिंह ने सोमवार को संवाददाताओं के साथ बातचीत में यह जानकारी दी।

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Today Petrol Price Latest उन्होंने कहा कि पिछले चार-पांच महीनों में कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय दामों में लगातार होने वाली उठापटक की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किए। उन्होंने कहा, ‘‘एक दिन में पांच-सात डॉलर प्रति बैरल तक दाम घट-बढ़ रहे थे। इस तरह के उतार-चढ़ाव की स्थिति में हम उपभोक्ताओं पर बोझ नहीं डाल सकते थे। कोई भी वितरक इस तरह के उतार-चढ़ाव का बोझ नहीं डाल सकता है।’’

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बीपीसीएल के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र की अन्य पेट्रोलियम कंपनियों इंडियन ऑयल और एचपीसीएल ने भी करीब पांच महीने तक पेट्रोल और डीजल के खुदरा दाम में कोई फेरबदल नहीं किया। बीपीसीएल के मुखिया ने कहा, ’’इस तरह के हालात में हमने खुद ही कुछ नुकसान सहने का फैसला किया। उस समय हमें यह उम्मीद भी थी कि हम आगे चलकर इस नुकसान की भरपाई कर लेंगे।’’

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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम ज्यादा होने पर एक समय पेट्रोलियम कंपनियों को डीजल पर प्रति लीटर 20-25 रुपये और पेट्रोल पर 14-18 रुपये तक का नुकसान उठाना पड़ रहा था। लेकिन कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय दामों में गिरावट आने के बाद यह नुकसान भी अब काफी कम हो गया है। सिंह ने कहा, ‘‘अगले महीने से एलपीजी पर किसी भी तरह का घाटा नहीं होगा। इसी तरह हमें पेट्रोल पर भी कोई नुकसान नहीं हो रहा है। लेकिन डीजल पर अब भी नुकसान की स्थिति बनी हुई है।’’

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उन्होंने कहा कि लंबे समय तक ऐसी स्थिति नहीं बनी रह सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कीमतें लंबे समय तक ऊंची रहती हैं, तो खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी या सरकार से अनुदान के रूप में क्षतिपूर्ति की हमें जरूरत होगी।’’ हालांकि, उन्होंने यह ब्योरा नहीं दिया कि सार्वजनिक पेट्रोलियम वितरक कंपनियों को इस समय कितना घाटा उठाना पड़ रहा है।

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