अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उपभोग को जोर-शोर से बढ़ावा देने का उपयुक्त समय: आरबीआई बुलेटिन

अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए उपभोग को जोर-शोर से बढ़ावा देने का उपयुक्त समय: आरबीआई बुलेटिन

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  • Publish Date - January 17, 2025 / 09:08 PM IST,
    Updated On - January 17, 2025 / 09:08 PM IST

मुंबई, 17 जनवरी (भाषा) प्रस्तावित केंद्रीय बजट से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बुलेटिन में अर्थव्यवस्था को गति देने को लेकर उपभोग को बढ़ावा देने की जोरदार वकालत की गयी है। इसमें कहा गया है कि यह समय लोगों में उत्साह जगाने, व्यापक उपभोक्ता मांग सृजित करने तथा निवेश में तेजी लाने के लिए उपयुक्त है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को लोकसभा में 2025-26 का बजट पेश करेंगी।

जनवरी बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के सात जनवरी को जारी 2024-25 के पहले अग्रिम अनुमान से यह स्पष्ट है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। हालांकि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि लगातार तीन वर्षों की सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि से घटकर 6.4 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है।

इसमें कहा गया, “यह गिरावट 2024-25 की पहली छमाही में गैर-कृषि गतिविधि पर स्थानीय स्तर पर अत्यधिक वर्षा के प्रभाव जैसे कई प्रतिकूल कारकों के प्रभाव को दर्शाती है। निजी पूंजीगत व्यय में अभी भी तेजी के स्पष्ट संकेत नहीं दिख रहे हैं और केंद्र और राज्य सरकारों के पूंजीगत व्यय में भी नरमी है। इसके साथ-साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सकल स्थिर निवेश और सकल मूल्य वधर्न में विनिर्माण वृद्धि को लेकर सबसे बड़ी बाधा बनकर उभरे हैं।”

हालांकि, केंद्रीय बैंक ने कहा कि बुलेटिन में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और वे भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ शीर्ष से प्रकाशित लेख में कहा गया है कि रिकॉर्ड खरीफ फसल के कारण कृषि और संबद्ध गतिविधियों का प्रदर्शन अच्छा रहा है। रबी की बुवाई अधिक हुई है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है।

लगातार दूसरे महीने दिसंबर में सकल (हेडलाइन) मुद्रास्फीति में कमी आई। इसका कारण सर्दियों में कीमतों में कमी आना है, जब फल और सब्जियों का उत्पादन अत्यधिक होता है।

यह लेख माइकल पात्रा की अगुआई वाली टीम ने लिखा है। डिप्टी गवर्नर पात्रा का विस्तारित कार्यकाल इस महीने समाप्त हो गया।

लेख में कहा गया, “यह समय जी-जान से लगने, बड़े पैमाने पर उपभोक्ता मांग बनाने और निवेश में तेजी लाने के लिए उपयुक्त है…।’’

भाषा अनुराग रमण

रमण