नई दिल्ली : huge fall in the stock market : दुनिया के कई बड़े देशों में आर्थिक मंदी की आशंका और अमेरिका में ब्याज दरों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बीच गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली है। बीते कुछ दिनों से बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में लगातार गिरावट का शिकार हो रहे हैं। आज इन्वेस्टर्स को अच्छी शुरुआत के बाद राहत मिलने की उम्मीद थी, लेकिन दोपहर में बाजार धाराशाई हो गया है।
huge fall in the stock market : सेंसेक्स और निफ्टी ने 1-1 फीसदी से ज्यादा की बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की थी। सुबह के 09:20 बजे सेंसेक्स 550 अंक से ज्यादा की बढ़त के साथ 53 हजार अंक के पार कारोबार कर रहा था। निफ्टी करीब 150 अंक उछलकर 15,850 अंक के पास था। दोपहर 01 बजे सेंसेक्स 640 अंक (1.22 फीसदी) से ज्यादा के नुकसान के साथ गिरकर 51,900 अंक पर आ चुका था। बाद में गिरावट और बढ़ती गई। 02:45 बजे तक सेंसेक्स 1000 अंक से ज्यादा के नुकसान में जा चुका था। इसी तर्ज पर निफ्टी करीब 225 अंक तक गिरकर 15,465 अंक पर आ चुका था। यह घरेलू बाजार के लिए जुलाई 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर है।
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huge fall in the stock market : अमेरिका में फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरें 0.75 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया। इसके बाद अमेरिकी बाजार कल तेजी में बंद हुए थे। अमेरिकी बाजार की तेजी के चलते आज घरेलू बाजार ने भी बढ़िया शुरुआत की। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स एक समय 600 अंक तक चढ़ा हुआ था। दोपहर तक सेंसेक्स 1000 अंक से ज्यादा के नुकसान में जा चुका था। यानी बाजार अपने आज के पीक से अब तक 1600 अंक से ज्यादा टूट चुका है।
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huge fall in the stock market : इससे पहले बुधवार के कारोबार में भी शेयर बाजार पूरे दिन वोलेटाइल बना रहा था। जब बाजार बंद हुआ, तब सेंसेक्स 152.18 अंक (0.29 फीसदी) गिरकर 52,541.39 अंक पर और निफ्टी 39.95 अंक (0.25 फीसदी) के नुकसान के साथ 15,692.15 अंक पर रहा। मंगलवार को सेंसेक्स 153.13 अंक गिरकर 52,693.57 अंक पर और निफ्टी 42.30 अंक के नुकसान के साथ 15,732.10 अंक पर रहा था।
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huge fall in the stock market : रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बनी महंगाई को काबू करने के लिए अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरें 0.75 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया। यह करीब तीन दशक में अमेरिका में ब्याज दरों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। अब अमेरिका में ब्याज दरें बढ़कर 1.50-1.75 फीसदी हो गई हैं। अमेरिका में अभी खुदरा महंगाई की दर 8.6 फीसदी है, जो करीब 40 साल में सबसे ज्यादा है। फेडरल रिजर्व इसे गिराकर 2 फीसदी के दायरे में लाना चाहता है। इसी कारण फेडरल रिजर्व आक्रामक तरीके से ब्याज दरों को बढ़ा रहा है, ताकि इकोनॉमी से लिक्विडिटी कम हो और डिमांड पर लगाम लगे। हालांकि इसके साथ ही ब्याज दरें तेजी से बढ़ने से इकोनॉमी के ऊपर मंदी का खतरा भी अधिक गंभीर होता जाएगा।
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