भारतीय मोटर वाहन उद्योग महज वाहन विनिर्माता से परिवहन समाधान प्रदाता बनने की ओर

भारतीय मोटर वाहन उद्योग महज वाहन विनिर्माता से परिवहन समाधान प्रदाता बनने की ओर

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  • Publish Date - December 24, 2024 / 12:16 PM IST,
    Updated On - December 24, 2024 / 12:16 PM IST

(मुनीश शेखावत और राजकुमार लीशेम्बा)

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने पर जारी बहस के बीच भारतीय मोटर वाहन उद्योग महज वाहन विनिर्माता से परिवहन समाधान प्रदाता बनने का सफर तय कर रहा है। उद्योग नए साल में बिक्री में मंदी की छाया में आगे बढ़ रहा है। हालांकि वैश्विक महामारी के बाद की दबी हुई मांग अब बीती बात हो गई है।

उद्योग में स्वचालित ड्राइविंग, वाहन इंटेलिजेंस, कनेक्टेड फीचर्स और इलेक्ट्रिफिकेशन जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियां से बदलाव को बल मिल रहा है। आगामी भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में इस पर ओर जोर दिया जाएगा। यह 17-22 जनवरी 2025 को दिल्ली-एनसीआर में आयोजित किया जाएगा।

भारत वैश्विक मोटर वाहन परिदृश्य में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है, इसलिए उम्मीद है कि वाहन विनिर्माता विभिन्न मूल्य बिंदुओं पर विभिन्न प्रौद्योगिकियों के साथ अपने नए मॉडल पेश करेंगे, जो एक्सपो में विभिन्न प्रकार के ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करेंगे, क्योंकि 2025 में पर्यावरण अनुकूल कारों को अपनाने में तेजी आने की उम्मीद है।

मारुति सुजुकी इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी हिसाशी ताकेउची ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ भारत अब वैश्विक स्तर पर पहुंच रहा है। हम भारतीय मोटर वाहन उद्योग में दीर्घकालिक वृद्धि की अपार संभावनाएं देखते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ जैसा कि हम 20 लाख से 40 लाख क्षमता तक अपनी विकास यात्रा के अगले चरण में प्रवेश कर रहे हैं, हम अगले सात से आठ वर्षों में वह हासिल करने की योजना बना रहे हैं जिसे पहले हासिल करने में 40 वर्ष का समय लगा।’’

वहीं टाटा मोटर्स अपने टिकाऊ परिवहन अभियान को दोगुना करने की सोच रही है।

टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने कहा, ‘‘ टाटा मोटर्स उद्योग में प्रमुख बदलावों का अधिकतम लाभ उठाने की मजबूत स्थिति में है, जिसमें हरित, उत्सर्जन-अनुकूल ‘पावरट्रेन’ से लेकर सुरक्षित कारों और एसयूवी की बढ़ती मांग शामिल है।’’

उन्होंने कहा कि कंपनी 2025 में भारतीय यात्री वाहन बाजार के विकास के बारे में आशावादी बनी हुई है।

जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी सतिंदर सिंह बाजवा ने कहा, ‘‘ कंपनी का लक्ष्य इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खंड को अधिक आकर्षक और सुलभ बनाना है और वह भारत को शीर्ष वैश्विक मोटर वाहन बाजार बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहेगी।’’

टिकाऊ परिवहन की अनिवार्यता पर किआ इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्वांगु ली ने कहा कि भारत में ‘‘ बहुत सारे विकल्प हैं, और यह केवल विद्युतीकरण ही नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि हाइब्रिड, सीएनजी और इथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन ऐसी प्रौद्योगिकियां हैं जिन पर विचार किया जा सकता है।

मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी संतोष अय्यर ने कहा, ‘‘ हमें उम्मीद है कि 2025 में भी बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) को अपनाया जाएगा, जिसमें ईक्यूएस एसयूवी 450 5-सीटर और इलेक्ट्रिक जी-क्लास जैसी नई बीईपी पेशकश को तैयार हैं..’’

‘ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन’ (एसीएमए) की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह ने कहा कि जहां तक ‘​​ऑटोमोटिव कंपोनेंट’ उद्योग का सवाल है, यह क्षेत्र स्थानीयकरण, अनुसंधान एवं विकास, डिजिटलीकरण और स्थिरता में निवेश करना जारी रखे हुए है।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत में नवाचार, वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता और विश्व के लिए ‘डिजाइनिंग’ पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।’’

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा