नई दिल्ली : prices of edible oil will be cut : लगातर बढ़ रही महंगाई के बीच आम जनता के लिए रहत भरी खबर निकलकर सामने आ रही है। आने वाले कुछ दिनो में जनता को महंगाई से थोड़ी राहत मिलने वाली है। अगले कुछ दिनों में खाने के तेल की खुदरा कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है। खाद्य तेल प्रोसेसर और निर्माताओं ने तेल की कीमतों में कटौती करने पर सहमति जताई है।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
prices of edible oil will be cut : बता दें कि, तेल की कीमतों में कटौती करने का फैसला खाद्य और उपभोक्ता मंत्रालय के साथ हुई बैठक के खाद्य तेल प्रोसेसर और निर्माताओं ने लिया है। विदेशी मार्केट में खाने वाले तेल की कीमतों में आई गिरावट के बाद घरेलू कीमतों में कटौती की जा सकती है। सरकार की कोशिश है कि गिरी हुई कीमतों लाभ घरेलू उपभोक्ताओं को भी मिले।
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prices of edible oil will be cut : सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार, तेल बनाने वाली कंपनियों ने वैश्विक बाजार में आई कीमतों में नरमी के बाद घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतें कम करने पर सहमति जताई है। आने वाले दिनों में खाने वाले तेल की खुदरा कीमतों में 10-12 रुपये की गिरावट आ सकती है। हालांकि, पिछले महीने भी तेल निर्माताओं ने कीमतों में कटौती की थी। लेकिन मंत्रालय का मानना है कि वैश्विक कीमतों में गिरावट के बाद अभी भी कीमतों में कटौती की गुंजाइश है।
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prices of edible oil will be cut : जुलाई में खाद्य प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी अडानी विल्मर ने खाने वाले तेल की कीमतों में 30 रुपये प्रति लीटर की कटौती का ऐलान किया था। तब अडानी विल्मर ने एक बयान में कहा था कि वैश्विक कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए कम रेट पर उपभोक्ताओं तक खाद्य तेल को पहुंचाने के क्रम में कंपनी ये कटौती की है।
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prices of edible oil will be cut : भारत अपने खाना पकाने के तेल का दो-तिहाई हिस्सा आयात करता है। हाल के महीनों में रूस-यूक्रेन युद्ध और इंडोनेशिया द्वारा पाम ऑयल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की वजह से खाने वाले तेल की कीमतों में इजाफा हुआ था। हालांकि, हाल के महीनों में इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के एक्सपोर्ट पर से प्रतिबंध हटाया है। इस वजह से वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट आई है।
कीमतों और उपलब्धता की समीक्षा के लिए केंद्र ने तेल बनाने वाली कंपनियों के साथ मई से अब तक तीन बैठकें की हैं। भारत पाम तेल के आयात के लिए इंडोनेशिया और मलेशिया पर और सूरजमुखी के तेल और सोयाबीन के तेल के लिए यूक्रेन, अर्जेंटीना, ब्राजील और रूस पर निर्भर है।