हैदराबाद, तीन जनवरी (भाषा) तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने शुक्रवार को कहा कि राज्य का लक्ष्य 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन तथा भंडारण क्षमता में 20,000 मेगावाट जोड़ना है। राज्य में मौजूदा क्षमता 11,000 मेगावाट से अधिक है।
तेलंगाना स्वच्छ व हरित ऊर्जा नीति-2024 पेश करने के बाद भट्टी ने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य एकल नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, ‘फ्लोटिंग सोलर’, अपशिष्ट से ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन जैसे अभिनव समाधानों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना 2030 तक 20,000 मेगावाट अतिरिक्त नवीकरणीय ऊर्जा व भंडारण क्षमता हासिल करने का लक्ष्य बना रहा है।’’
वर्तमान में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 11,399 मेगावाट है, जिसमें 7,889 मेगावाट सौर ऊर्जा (वितरित नवीकरणीय ऊर्जा के अलावा) और 2,518 मेगावाट जल ऊर्जा शामिल है।
मंत्री ने बताया कि ‘फ्यूचर सिटी’ और ‘फार्मा सिटी’ जैसी बुनियादी ढांचे से जुड़ी विभिन्न वृहत परियोजनाओं के साथ राज्य में बिजली की अधिकतम मांग में तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है। यह वित्त वर्ष 2023-24 में 15,623 मेगावाट से बढ़कर वित्त वर्ष 2029-30 तक 24,215 मेगावाट और वित्त वर्ष 2034-35 तक 31,809 मेगावाट हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि इस मांग को स्वच्छ, विश्वसनीय, किफायती और टिकाऊ ऊर्जा समाधानों से पूरा किया जाए।
नई नीति में अन्य सुविधाओं के अलावा शुद्ध एसजीएसटी (राज्य माल एवं सेवा कर), स्टांप शुल्क, ट्रांसमिशन तथा वितरण शुल्क की प्रतिपूर्ति और बिजली शुल्क पर छूट का प्रस्ताव है।
नीति के अनुसार, इन प्रोत्साहनों से डेवलपर पर लागत का बोझ काफी कम हो जाएगा, वित्तीय व्यवहार्यता सुनिश्चित होगी और बड़े पैमाने पर निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।
भाषा निहारिका रमण
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