नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। इस दौरान रेड्डी ने राज्य को लंबित अनुदान जारी करने और काजीपेट में एक एकीकृत रेलवे कोच कारखाना स्थापित करने की मांग की।
संसद परिसर में सीतारमण के साथ मुलाकात में रेड्डी ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार पिछड़े जिलों को विशेष सहायता के रूप में केंद्र से 1,800 करोड़ रुपये के लंबित अनुदान और आंध्र प्रदेश द्वारा तेलंगाना को दिए जाने वाले बकाए पर चर्चा की।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने अधिनियम के तहत नौ पिछड़े जिलों को हर साल 450 करोड़ रुपये का अनुदान जारी करने पर सहमति जताई है। यह अनुदान 2019-20, 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के लिए लंबित है।
विभाजन के बाद, तेलंगाना सरकार ने हैदराबाद में उच्च न्यायालय, राजभवन, लोकायुक्त, राज्य मानवाधिकार आयोग, न्यायिक अकादमी और अन्य सार्वजनिक संस्थानों के प्रबंधन के लिए 703.43 करोड़ रुपये खर्च किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश ने 408.49 करोड़ रुपये का अपना हिस्सा चुकाने का वादा किया था, लेकिन उसने अबतक ऐसा नहीं किया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि वे आंध्र प्रदेश सरकार पर दबाव डालें कि वह अब तक का बकाया ब्याज सहित चुकाए।
उन्होंने पूर्ववर्ती आंध्र प्रदेश में परियोजनाओं के लिए विदेशी वित्तीय सहायता के रूप में लिए गए ऋणों में से तेलंगाना के हिस्से के रूप में 2,547.07 करोड़ रुपये की वसूली के लिए केंद्र सरकार द्वारा एकतरफा जारी किए गए आदेशों पर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा, “तेलंगाना सरकार ने इस संबंध में पहले ही कड़ा विरोध दर्ज कराया है, लेकिन केंद्र ने राज्य को भुगतान के बोझ से राहत देने की याचिका स्वीकार नहीं की।”
उन्होंने केंद्रीय मंत्री से मामले की फिर से समीक्षा करने और उचित निर्णय लेने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने सीतारमण को याद दिलाया कि केंद्र सरकार ने 2014-15 में केंद्र प्रायोजित योजनाओं से संबंधित सभी धनराशि केवल आंध्र प्रदेश को आवंटित की थी और उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने और तेलंगाना को मिलने वाली धनराशि जारी करने की अपील की।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ एक अलग बैठक में मुख्यमंत्री ने काजीपेट में एक एकीकृत रेलवे कोच कारखाने की स्थापना और विकाराबाद-कृष्णा स्टेशन के साथ-साथ कलवाकुर्ती-मचरला के बीच एक नई रेलवे लाइन के निर्माण की मांग की।
उन्होंने केंद्र से दोर्नाकल-मिर्यालगुडा (पापाटपल्ली-जॉन पहाड़) और दोर्नाकल-गदवाल के प्रस्तावित रेल मार्गों पर पुनर्विचार करने का भी आग्रह किया क्योंकि इस स्थान पर भूमि अधिग्रहण रेलवे विभाग के लिए बोझ बन जाएगा।
भाषा अनुराग रमण
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